
चंडीगढ़. क्या पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक हो गया है? क्या नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) की नाराजगी खत्म हो गई है?, क्योंकि सिद्धू को आज दिल्ली दरबार में बुलाया गया है। जहां वह पार्टी के आलाकमानों के साथ मुलाकात करेंगे। गुरुवार दोपहर में वह कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्री केसी वेणुगोपाल और हरिश रावत से मुलाकात करेंगे।
सिद्धू को सख्त हिदायत दी जा सकती है।
दरअसल, सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि कांग्रेस हाईकमान चार महीनों बाद पंजाब में होने वाले विधानसबा चुनाव पर फोकस कर रही है। जिसको लेकर रणनीति बनाई जानी है। प्रदेश के संगठनात्मक मामलों में भी फेरबदल हो सकता है। साथ ही बताया जा रहा है कि सिद्धू के अड़ियल रवैये को लेकर भी उन्हें सख्त हिदायत भी दी जा सकती है।
सीएम चन्नी से बेहद खफा हैं सिद्धू
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से नाराज चल रहे हैं। इस बैठक में उनकी नाराजगी को लेकर भी बात हो सकती है। सिद्धू इतने खफा हैं कि वो दो दिन पहले हुए चन्नी के बेटे की शादी तक में तक नहीं पहुंचे। वह इसस कार्यक्रम में जाने की बजाय माता वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने उल्टा पंजाब सरकार को घेरा और राज्य में बिजली संकट के मुद्दे को लेकर नसीहत दे डाली।
यही सिद्धू के इस्तीफा देने के पीछे की वजह
बता दें कि सिद्धू के इस्तीफा देने के पीछे की एक वजह पंजाब का नया डीजी/एजी हैं। वह इनको हटाने की शरू से मांग कर रहे हैं। क्योंकि उनके मना करने के बाद उनको नियुक्ति दे दी गई। वहीं उनके मुताबिक भी चन्नी सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ। वह जिन्हें मंत्री पद देना चाहते थे उनको इसमें शामिल नहीं किया गया। सबसे बड़ी वज है कि वह खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने उनको यह कुर्सी नहीं सौंपी।
आलाकमान ने सिद्धू से बातचीत करना किया बंद
सूत्रों के मुताबिकच सिद्धू इस रवैये से पार्टी आलाकमान बेहद नाराज हैं। बताया जा रहा है कि अब तक दिल्ली हाईकमान ने उनसे कोई बातचीत भी नहीं की है, साथ ही सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया है। यहां तक कहा जा रहा है कि पार्टी सिद्धू को नहीं मनाएगी। इतना ही नहीं पार्टी ने पंजाब में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है।
इस्तीफे के साथ सोनिया गांधी को लिखी चिट्टी
बता दें कि सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस की पंजाब में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंन कहा था कि ''में पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता हूं, किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है। क्योंकि समझौता करने से इंसान का चरित्र खत्म होता है। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं। मैं कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा''।
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