पंजाब पुलिस की कारस्तानी, हेरोइन तस्करों को रिश्वत लेकर छोड़ा, जब्त नशीला पदार्थ भी ले जाने दिया

झाबल थाने में पहला केस दर्ज किया गया है। तरनतारन में एएसआई प्रभजीत सिंह पुत्र बलकार सिंह कैरों, एसआई बलविनराद सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी भूसे ने लवप्रीत सिंह पुत्र रुलदा सिंह और भिंडर सिंह पुत्र बड़ा सिंह निवासी कोट धर्म चंद को हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था।

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में नशा एक बड़ा मुद्दा बना रहा। नशे की वजह से पंजाब के युवा बर्बाद हो रहे हैं। इसलिए नशे पर रोक लगाने की मांग उठती रही है। नशा तस्करी के आरोप में अकाली सरकार के पूर्व मंत्री और सीनियर नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया भी जेल में बंद हैं। इसके बाद भी पंजाब पुलिस के कई अधिकारी/ कर्मचारी नशा तस्करी को रोकने के लिए गंभीर नहीं हैं। 

कम से कम पंजाब के तरनतारन जिले में तो ऐसा ही हुआ। यहां सीआईए के दो कर्मचारियों समेत एक कांस्टेबल पर आरोप है कि विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार व्यक्तियों को रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया। जब्त हेरोइन भी उन्हें ले जाने दी। अब जब मामला खुला तो सीनियर अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए तीन पुलिसकर्मियों समेत 8 लोगों के खिलाफ अलग-अलग थानों में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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50 हजार रुपए की रिश्वत लेकर छोड़ा गया
झाबल थाने में पहला केस दर्ज किया गया है। तरनतारन में एएसआई प्रभजीत सिंह पुत्र बलकार सिंह कैरों, एसआई बलविनराद सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी भूसे ने लवप्रीत सिंह पुत्र रुलदा सिंह और भिंडर सिंह पुत्र बड़ा सिंह निवासी कोट धर्म चंद को हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि दोनों को 25 फरवरी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया। डीएसपी तरनतारन बरजिंदर सिंह ने बताया कि एएसआई प्रभजीत सिंह के अलावा बलविंदर सिंह, लवप्रीत सिंह और भिंडर सिंह को नामजद किया गया है। 

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पुलिस की ढीली कार्रवाई से नशे के मामले बढ़ रहे
डीएसपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। नशा तस्करी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि पुलिस की ढीली कार्रवाई की वजह से लगातार नशा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। इस पर रोक लगाने की दिशा में कुछ नहीं हो रहा है। इस बार के विधानसभा चुनाव में नशा तस्करी बड़ा मुद्दा बना था। 

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सिद्धू के दावों पर उठ रहे सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू नशा माफिया को खत्म करने की बात हर मंच से उठाते रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस सरकार में नशा तस्करी पर रोक लगेगी। लेकिन अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस सरकार है, लेकिन तस्करों को कुछ पुलिसकर्मी इस तरह से रिश्वत लेकर छोड़ रहे हैं, इस तरह की स्थिति में कैसे नशा और नशा तस्करों पर रोक लग सकती है।

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