जेल की दाल-रोटी नहीं खाने पर नवजोत सिद्धू को लाया गया अस्पताल, डॉक्टर करेंगे जांच...क्यों चाहिए स्पेशल डाइट

पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को  34 साल पुराने रोडरेज के केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है। वह पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं।

पटियाला (पंजाब). 33 साल पुराने रोड रेज केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पटियाला जेल में सजा काट रहे नवजोत सिद्धू की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई है। उनको जेल प्रशासन और लोकल पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच राजिंदरा अस्पताल लाया गया है। जहां उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। बता दें कि सिद्धू ने जेल में दाल-रोटी खाने से इनकार कर दिया है। जेल के खान से उनकी तबीयत और बिगड़ सकती है। 

मेडिकल बोर्ड पता लगाएगा सिद्धू की स्पेशल डाइट की वजह
दरअसल, सिद्धू ने कोर्ट में जेल की दाल-रोटी की जगह स्पेशल डाइट के लिए भी एक पिटीशन दायर की है। जिसको लेकर अदालत ने राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से रिपोर्ट मांगी है। पटियाला के राजेंद्र हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड अब सिद्धू की स्पेशल डाइट को लेकर उनकी बीमारियों की जांच करेगा। साथ पता लगाएगा कि आखिर उनको क्यों स्पेशल डाइट चाहिए। उसके बाद यह रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी।

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सिद्धू ने इसी मांगी है स्पेशल डाइट
बता दें कि नवजोत सिद्धू को जब पहले दिन ही जेल ले जाया गया था तो उनको खाने में दाल-रोटी दी गई थी। लेकिन उन्होंने इसे खाने से इंकार कर दिया था। साथ ही बीमारी का हवाला देकर जेल प्रशासन से स्पेशल डाइट की डिमांड की है। सिद्धू ने इसकी वजह बताते हुए प्रशासन से कहा था कि उन्हें गेहूं से एलर्जी है। इसलिए वह रोटी नहीं खा सकते। इसके अलावा मुझे लीवर प्रॉब्लम और ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के बनने की समस्या भी है। वह सब चीजें नहीं खा सकते। इन बीमारियों के चलते वह कुछ खास फल और स्पेशल डाइट लेते हैं। इसलिए मेरा निवेदन है कि यहां भी  स्पेशल डाइट दी जाए।

34 साल पुराना है मामला
बात तीन दशक पुरानी है, जब 27 दिसंबर 1988 में सिद्धू क्रिकेट खिलाड़ी थे। उनको इंटरनेशन क्रिकेट में  एंट्री को सिर्फ एक साल ही बीता था। उस शाम सिद्धू अपने एक दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट गए थे। यह मार्केट उनके घर से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। सिद्धू मार्केट पहुंचे तो वहां कार पार्किंग को लेकर 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से उनका विवाद हो गया। यह इतना बढ़ा कि हाथापाई की नौबत तक आ गई। गुस्से में सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मारा और घुटना मारकर गिरा दिया। बुजुर्ग गुरनाम सिंह को गहरी चोट लगी तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि बुजुर्ग की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। मृतक के परिजन ने नवजोत पर गैर-इरादतन हत्याका मामला दर्ज किया गया। यह केस कोतवाली थाने में रजिस्टर हुआ। इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। करीब 33 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए एक साल की सजा सुनाई है।

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