घायल होने पर भी बेटे को थी फिक्र, 'मां को मत बताना कि मेरा पैर कट गया है, नहीं तो वो मर जाएगी'

मां और बेटे की अटूट रिश्ते की भावुक करने वाली यह घटना जालंधर की है। ट्रेन हादसे में अपना पैर गंवाने के बावजूद एक शख्स को दर्द के बीच भी अपनी बूढ़ी मां की चिंता थी। वो नहीं चाहता था कि उसकी मां को घटना का पता चले।

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2019 5:32 AM IST / Updated: Dec 27 2019, 02:23 PM IST

जालधंर, पंजाब. मां और बेटे के रिश्ते से बड़ा संसार में कोई दूसरा रिश्ता नहीं होता। यह घटना इसी का उदाहरण है। बेटे को मामूली-सी भी चोट लग जाती है, जख्म हो जाता है, तो मां का कलेजा मुंह को आ जाता है। ऐसा ही बेटे के साथ भी होता है। उसे दुनिया में सबसे ज्यादा फिक्र अपनी मां की होती है।..और जब मां बूढ़ी हो जाए, तब तो बेटा उठते-बैठते, सोते-जागते, खुशी में, गम में..यानी हर वक्त मां की चिंता में डूबा रहता है। यह शख्स अपनी बूढ़ी मां से कितना प्यार करता है, यह इस घटना से पता चला। इस बेटे का ट्रेन से गिरने पर पैर कट गया था। बावजूद वो मां की फिक्र कर रहा था।


दर्द को भूलकर मां की फिक्र..
दर्द से बेहाल राजू रोते हुए बार-बार पुलिस से यही कह रहा था कि इस बारे में उसकी मां को न बताया जाए, वर्ना वो मर जाएगी। यह सुनकर लोगों का कलेजा फट गया। वो पंजाबी में बोल रहा था- 'मेरी मां नूं ना दस्सेओ कि मेरी लत्त कट गई, नहीं तां उसने मर जाणा।' यानी मां को मत बताना कि उसका पैर कट गया है, वर्ना वो मर जाएगी।

यह है पूरा घटनाक्रम...
बुधवार को घायल राजू गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा से जालंधर जा रहा था। वो डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। उसने बताया कि सिटी स्टेशन पर ट्रेन धीमी हुई। उस वक्त वो गेट पर खड़ा था। अचानक पीछे से किसी ने धक्का दे दिया। हादसे में ट्रेन से राजू का पैर कट गया। उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो पटरी से घिसकर किनारे आ सके। वो दर्द से तड़प रहा था। इसी दौरान वहां से अजय पाल नामक शख्स गुजरा। उसे यूपी जाना था और वो प्लेटफॉर्म-1 पर आने के लिए पटरी किनारे आ रहा था। अचानक उसकी नजर दर्द से तड़पते राजू पर पड़ी। अजय ने देखा कि वहां ग्रीन सिग्नल था। यानी ट्रेन आने वाली थी। अजय ने बगैर विलंब किए सबसे पहले राजू को पटरी से दूर किया। फिर स्टेशन पर इसकी सूचना दी। मौके पर तुरंत जीआरपी और आरपीएफ पहुंची। राजू ने बताया कि वो घंटे भर से ट्रैक पर पड़ा था। उसे एम्बुलेंस की मदद से सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया गया।

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