ठंड से बचने जलाई थी अंगीठी और फिर बंद कर लिया कमरा, सुबह सामने आई चौंकाने वाली घटना

लुधियाना में ठंड से बचने बंद कमरे में अंगीठी जलाना एक परिवार को जिंदगीभर का गम दे गया। कमरे में ऑक्सीजन की कमी होने से दो मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2019 11:05 AM IST

लुधियाना, पंजाब. ठंड से बचने बंद कमरे में अंगीठी जलाना एक परिवार की जिंदगी में कोहराम मचा गया। अंगीठी के कारण कमरे की ऑक्सीजन कम होने और जहरीली गैस बनने के कारण दो मासूम बच्चों का दम घुट गया। वहीं 4 अन्य लोगों को गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार सुबह घटना का पता चला। मकान मालिक ने सुबह 9 बजे के बाद सभी लोगों को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल पहुंचाया था। वहां दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया।

बेहोशी की हालत में खोला दरवाजा
पुलिस के मुताबिक, घटना जोधेवाल स्थित सुभाष नगर में हुई। हादसे में 12 वर्षीय गौरव और 10 वर्षीय सौरव की मौत हुई है। वहीं बच्चों के पिता प्रमोद कुमार, उनकी मां निशा, बुआ सुनीता और फूफा सुशील कुमार कमरे में बेहोश मिले। बताते हैं कि प्रमोद की बहन और जीजा चंद्रलोक कॉलोनी की गली नंबर-8 में किराये से रहते हैं। सोमवार रात बच्चों की मां की तबीयत ठीक नहीं थी। इसलिए सुनीता और सुशील कुमार उनके घर आए थे। वे रात को वहीं ठहर गए। भीषण ठंड के कारण लोगों ने कमरे में अंगीठी जला ली। इसके बाद खाना-खा पीकर सब सो गए। मकान मालिक तरसेम लाल की पत्नी रेखा के मुताबिक, प्रमोद अकसर सुबह 7 बजे उठ जाता है। लेकिन मंगलवार 9 बजे तक कोई नहीं उठा, तब उसने दरवाजा खटखटाया। काफी देर बाद प्रमोद ने अर्धबेहोशी की हालत में दरवाजा खोला। अंदर देखा तो सभी लोग बेसुध पड़े थे।

रात 3 बजे पानी पीने उठे थे बच्चे..
घटना की सूचना फौरन पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची 108 एम्बुलेंस की मदद से सभी को सिविल हॉस्पिटल भेजा गया। वहां सौरव और गौरव को मृत घोषित कर दिया गया। प्रमोद ने बताया कि रात 3 बजे दोनों बच्चों को प्यास लगी थी। बच्चों ने उसे उठाया था। इसके बाद दोनों पानी पीकर सो गए। बाद में क्या हुआ, उसे कुछ याद नहीं। सुबह दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनकर उसकी नींद टूटी। हालांकि बड़ी मुश्किल से वो दरवाजा खोल सका।
 

(फोटो बायें से सौरव और गौरव)

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