शुक्रवार को अमरनाथ गुफा के एक दर्दनाक हादसा हो गया। गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ से करीब 40 टेंट बह गए। हादसे में राजस्थान के दो लोगों की मौत हो गई है। इनकी पहचान की गई है।
जयपुर. इंस्पेक्टर सुनील खत्री आठ दिन पहले यानी 30 जून को ही रिटायर हुए थे। खत्री अपने परिवार और दोस्तों को कहते थे कि वे रिटायरमेंट के बाद सबसे पहले बाबा अमरनाथ के दर्शन करने जाएंगे। वे कहते थे कि हर साल जाने की सोचते हैं कि लेकिन कभी ड्यूटी या कभी अन्य कारणों नहीं जा पाए। लेकिन रिटायर होने के बाद उन्होंने सबसे पहले बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए। लेकिन इस बार ऐसे गए कि वापस ही नहीं लौटे। खत्री के मौत की खबर सुनने के बाद श्रीगंगानगर स्थित मकान में रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों का जुड़ना शुरु हो गया है।
दूसरी तरफ परिवार के सदस्य श्रीगंगानगर से रिटायर्ड इंस्पेक्टर का शव लेने के लिए रवाना हो रहे हैं। साथ ही उनकी समधन सुनीता वाधवा को भी लाने की तैयारी है। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए हादसे में राजस्थान के रहने वाले सुनील खत्री की मौत हो गई है।
बस से रवाना हुए था पूरा परिवार, यात्रा ले जाने वाले 22 साल से हर साल ले जा रहे यात्रा
दरअसल श्रीगंगानगर निवासी नवनीत कुमार जय भोले महादेव ग्रुप से जुडे हुए हैं और वर्तमान में ग्रुप के अध्यक्ष हैं। उनका ग्रुप पिछले 22 सालों से हर साल अमरनाथ यात्रा लेकर जाता है। कोरोना के दौरान दो साल तक ऐसा नहीं कर सके। इस बार कोरोना के चलते दबाव ज्यादा था। तीन से चार बसें रवाना हुई थी अलग अलग समय पर। सुनील खत्री और उनका परिवार जिस बस में रवाना हुए थे वह बस चार जुलाई को ही रवाना हुई थी। उनके परिवार के सदस्य के दो लोगों की मौत हो चुकी है। तीन लोग लापता हैं और बाकि लोग वहां कैंप में मौजूद हैं। जिस बस से वे लोग रवाना हुए थे वे सभी वाहन सुरक्षित हैं।
क्या है अमरनाथ यात्रा
शुक्रवार को अमरनाथ गुफा के एक दर्दनाक हादसा हो गया। गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ से करीब 40 टेंट बह गए। इस हादसे में 15 अमरनाथ यात्रियों मौत हो गई जबकि कई घायल हैं। घायलों की तलाश की जा रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।
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