गजब इंटेलिजेंट है यह ऑफिसर, एक-दो नहीं इन्हें मिले कई सरकारी नौकरी के ऑफर, IAS बन लिखी नई इबारत

Published : May 25, 2022, 07:00 AM IST
गजब इंटेलिजेंट है यह ऑफिसर, एक-दो नहीं इन्हें मिले कई सरकारी नौकरी के ऑफर, IAS बन लिखी नई इबारत

सार

आज मेवात का यूथ उन्हें अपना आइकॉन मानता हैं। पढ़ाई करने वाले छात्रों की ये अफसर हमेशा ही मदद करते हैं, उन्हें टिप्स देते हैं। उन्होंने जिस माहौल में रहकर सफलता के शिखर को छुआ है, वह युवाओं को नई दिशा देने के साथ उनके क्षेत्र की पहचान भी बदल रहा है।

भरतपुर : राजस्थान (Rajasthan) का मेवात..वैसे तो इस इलाके का नाम सुनते ही सबसे पहली तस्वीर जो जेहन में बनती है, वह है ठगी, लूटपाट, चोरी या कोई बड़ा क्राइम। लेकिन अपराध के इस गढ़ से बाहर एक सितारा निकला है। जो न सिर्फ अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर रहा बल्कि एक नई इबादत भी लिख रहा है। हम बात कर रहे हैं IAS ऑफिसर जब्बार खान (Jabbar Khan) की। पिता समय सिंह किसान हैं लेकिन उन्होंने बेटे का हौसला कभी कम नहीं होने दिया। बेटे की पढ़ाई में हमेशा ही सहयोग कर आज इस मुकाम पर पहुंचा दिया। यहां तक पहुंचनने का रास्ता IAS जब्बार खान के लिए इतना आसान भी नहीं था। आइए जानते हैं उनकी सफलता की शानदार स्टोरी...

माता-पिता को अपनी कुर्सी पर बैठा चर्चा में आए
IAS जब्बार खान वर्तमान में अलवर भारतीय डाक विभाग में SSP यानी सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिस के पद पर तैनात हैं। अपनी ऑफिस की कुर्सी पर माता-पिता को बैठा उनकी एक फोटो ने उन्हें चर्चा में ला दिया है। इस फोटो में जब्बार खान के बुजुर्ग पिता उनकी कुर्सी पर बैठे हुए हैं और पास की रखी कुर्सी पर उनकी मां और इन दोनों के पीछे खड़े हैं खुद जब्बार खान। इस तस्वीर की खूब चर्चा हो रही है। यह तस्वीर 21 अप्रैल की बताई जा रही है।

सफलता का सफर 
जब्बार खान का जन्म मेवात के एक छोटे से गांव रूंध गांव में हुआ था। पिता किसान हैं तो घर में खेती से ही गुजारा चलता था। हालांकि उनके घर में पढ़ाई का शुरू से ही माहौल था। उनके बड़े भाई टीचर हैं और छोटे RAS की तैयारी कर रहे हैं। जब्बार की शुरुआती पढ़ाई तो गांव के ही स्कूल में हुई। 10वीं में उन्होंने राजस्थान में टॉप किया। 11वीं की परीक्षा देने के बाद वे सीकर चले गए और यहीं 12वीं में एडमिशन लिया। यहां उनकी जिनसे दोस्ती हुई और उन्हें जो गाइडेंस मिला, उसने सफलता के सफर का रास्ता पकड़ा दिया। जब्बार ने  इंटरमीडिएट की परीक्षा पास ही की थी कि उनका सेलेक्शन इंडियन नेवी में हो गया। जिस सरकारी नौकरी का हर किसी का सपना होता है, मेवात के इस होनहार बेटे ने उसे यूं ही जाने दिया और भारतीय नौसेना नहीं ज्वॉइन की।

बैक-टू-बैक सेलेक्शन
जब्बार खान को इंडियन नेवी न ज्वॉइन करने के लिए कई बातें में सुननी पड़ी लेकिन उन्होंने बस आगे बढ़ना जारी रखा। ग्रेजुएशन के लिए वे अलवर आ गए। इसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद जब्बार को बैक-टू-बैक सफलता मिली। सबसे पहले उनका सेलेक्शन असिस्टेंट रेलवे मास्टर की पोस्ट पर हुआ। इसके बाद RPSC से ही असिस्टेंट प्रोफेसर में, फिर UPSC से रेलवे में असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर की पोस्ट पर सेलेक्शन और उसके बाद साल 2017 में इंडियन पोस्टल सर्विस मिली। उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा था कि उन्होंने एक के बाद एक कई एग्जाम क्लीयर किए। 

मेवात के यूथ आइकॉन 
जब्बार खान अपने सफर को लेकर बताते हैं कि जब वह सीकर में पढ़ाई करते थे, तब उन्हें वहां कई दोस्त मिले। वहीं पर उनकी मुलाकात एक IPS अफसर से हुई। वहीं से उन्होंने अपना लक्ष्य बना लिया। आज वे जिस मुकाम पर हैं, मेवात के यूथ आइकॉन हैं। वे पढ़ाई करने वालों की हमेशा मदद करते हैं। उन्होंने मेवात के जिस माहौल में रहकर शिखर को छुआ है, वह युवाओं को नई दिशा तो दे ही रहा है साथ ही मेवात की पहचान को भी बदल रहा है।

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