एक फोन कॉल ने बढ़ाई उत्तर प्रदेश के शिव की खुशी, राखी से ठीक एक दिन पहले मिला अनोखा तोहफा, आंखों से छलके आंसू

राजस्थान के भरतपुर जिलें से उत्तर प्रदेश के शिव को राखी के एक दिन पहले गए फोन कॉल ने उसकी खुशियों को कई गुना बढ़ा दिया। जिस बहन को वह सात सालों से खोज रहा था, वह राखी के ठीक एक दिन पहले मिल गयी। यह रक्षाबंधन उसकी सालों से सूनी कलाई में राखी बध सकेगी।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 11, 2022 5:43 AM IST

भरतपुर. उत्तर प्रदेश के लखनउ में रहने वाला शिव कुमार सात साल से सूनी कलाई लिए अपनी बहन को तलाश रहा था, अचानक चमत्कार हुआ। रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले एक कॉल आया और उस कॉल ने शिव कुमार को खुशियों से मालामाल कर दिया। शिव की बहन जो सात साल पहले गुम हो गई थी, उसे दो परिवार तलाश रहे थे। वह बहन रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले मिली तो बहन और भाई गले लगकर घंटों रोते रहे। वहां मौजूद हर कोई अपने आंसू पोंछता दिख रहा था। यह सारा घटनाक्रम राजस्थान के भरतपुर में हुआ। जहां स्थित अपना घर आश्रम में यह सब हुआ। 

सात साल पहले लापता हो गई थी आरती
सात साल पहले उत्तर प्रदेश के लखनउ जिले में रहने वाली 28 वर्षीय आरती अचानक लापता हो गई थी। वह दिमागी रुप से ठीक नहीं थी, उसका ईलाज भी चल रहा था। वह अपने ससुराल से बाजार सब्जी लेने के लिए गई थी और उसके बाद वापस नहीं आई। ससुराल और पीहर पक्ष ने पूरा यूपी खंगाल लिया लेकिन बहन नहीं मिली। उसके बाद धीरे धीरे तलाश कम कर दी और फिर बहन के बिना ही जीवन शुरु कर दिया। लेकिन ईश्वर को फिर से शिव कुमार और उनके परिवार को खुशियां देनी थी। यह खुशी सात साल के बाद मिली। 

भरतपुर से फोन किया गया... शिव. मैं तेरी बहन बोल रही हूं
भरतपुर में स्थित अपना घर आश्रम के संचालक बबीता गुलाटी ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले ही बबीता को आश्रम में कोई लेकर आया था। पता चला कि यूपी मे ही बीमार हालत में मिली थीें। यहां करीब डेढ़ महीने तक काउंसलिंग की गई, भरोसा दिलाया गया कि वे सुरक्षित हाथों में हैं तो उपचार सफल भी हुआ और अब वे काफी हद तक सही भी हो गई। तीन दिन पहले ही जब आरती ने अपने भाई शिव को फोन किया तो बहन भाई फोन पर ही रोने लगे। संचालिका बबीता गुलाटी ने कहा कि आरती इतना ही बोल सकीं, भाई मुझे लेने आ जा। बुधवार को शिव कुमार आए और बहन के गले लगकर खूब रोए। बाद में पूरे आश्रम ने दोनो बहन भाई और उनके परिवार को विदा किया।

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