कागजों में कावानका वास लेकिन चोर गढ़ी के नाम से पहचाना जाता है गांव, यहां के चोरों के कारनामें सुन होगी हैरानी

चोरी के लिए कुख्यात गांव की पहचान ही बदल गई, कागजों में कावानका वास लेकिन चोर गढ़ी के नाम से पहचान जाने लगा। समय के साथ बदला तरीका भी, यहां के चोरों के कारनामें सुन हैरान रह जाएंगे आप भी......

Sanjay Chaturvedi | Published : Jun 3, 2022 11:09 AM IST / Updated: Jun 03 2022, 04:49 PM IST

भरतपुर.  एक कहावत है कि व्यक्ति अपने काम से जाना जाता है और उसी से उसकी पहचान बनती है। अब वह इसे अच्छा बनाता है या बुरा। इसी को सही करते हुए राजस्थान के भरतपुर (bharatpur) जिले का मेवात क्षेत्र आज से ही नहीं बल्कि वर्षों से चोरी, लूट और आपराधिक वारदातों की वजह से चर्चा में रहा है। और यह चर्चा उसके अच्छे कामों के लिए नहीं बल्कि सारे उल्टे काम के लिए। उसमें भी जिले के मेवात क्षेत्र का एक गांव तो कई दशकों से चोरी के लिए कुख्यात है। इतना ही नहीं चोरी की वजह से इस गांव की पहचान तक बदल गई। आज पूरे जिले के लोग इस गांव के मूल नाम को तो भूल गए हैं और चोरी के कलंक के कारण इस गांव को अब चोरगढ़ी नाम से पहचाना जाता है। चलिए आज आपको इस गांव के रोचक इतिहास से रूबरू कराते हैं.... 

चोरी के लिए कुख्यात गांव

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मेवात क्षेत्र के इस गांव की पहचान ही चोरी की वजह से हो रही है। क्योंकि न तो यहां कोई सोने की खदाने है न कुछ इमारती सामान का खजाना फिर भी अपने कामों से फेमस है यह। वैसे मेवात के इस गांव का नाम कागजों में कावानका वास है। लेकिन इस गांव के अधिकतर लोग चोरी की वारदातों में इतने लिप्त रहते हैं कि इनका मैन बिजनेस ही यही बन गया है। जिसकी वजह से इस गांव को अब चोर गढ़ी के नाम से पहचाना जाता है। सबसे पहले यह गांव पूरे जिले में भैंस चोरी के लिए कुख्यात माना जाता था। यहां के लोग जिले भर के अलग-अलग गांव में जाकर भैंस चोरी करके लाते थे। अब उसे छोड़कर बड़े-बड़े कांड करने लगे है।

बदलता गया अपराध का ट्रेंड

समय के साथ यहां के चोरों ने भी अपनी चोरी का ट्रेंड बदल दिया। पहले जहां इस गांव के लोग भैंसों की चोरी किया करते थे, उसके बाद धीरे-धीरे टटलू बाजी, फिर वाहन चोरी और अब ऑनलाइन ठगी जैसी वारदातों में अपना हाथ आजमा रहे है। और लगातार इनका दायरा बढ़ता जा रहा है। अब इन चोरों को पकड़ना मुश्किल होता जा रहा है।

कुएं से बरामद की थी दर्जनों चोरी की बाइक

भरतपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश के समय इस गांव के चोरों का जिले भर में आतंक चरम पर था। गांव में पुलिस कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थी। 6 साल पहले तब के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने गांव में कार्रवाई की योजना बनाई। राहुल प्रकाश ने चोर गढ़ी गांव में पुलिस कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में चोरी की बाइक और ट्रैक्टर बरामद किए थे। उस समय पुलिस ने गांव के कुएं, चारे के पूंज और भूसे के अंदर तक से चोरी के वाहन जब्त किए थे। गांव के चोरों ने दर्जनों चोरी की बाइक रस्सी से बांध बांध कर कुएं में लटका रखी थीं। ट्रैक्टर भूसे में छुपा रखे थे।

 

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