
जयपुर: कांग्रेस शासित राजस्थान ने 24 जनवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार आगामी बजट सत्र में पेश किए जाने वाले सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। विधानसभा सत्र के पहले दिन ही इस प्रस्ताव के पास होने की संभावना है।
पिछले साल बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में से एक विधायक वाजिब अली ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भेजकर सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था। अली ने कहा कि देश भर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। संशोधित अधिनियम संविधान की भावना के खिलाफ है और यह सामाजिक अशांति पैदा कर रहा है।
भाजपा ने कहा प्रस्ताव का मजबूती करेंगे विरोध
वहीं विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि सरकार द्वारा विधानसभा में सीएए के खिलाफ लाये जा रहे प्रस्ताव का मजबूती से विरोध करेगी। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक सतीश पूनियां ने कहा कि हम लोग सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे मुख्यमंत्री हों, सरकार हो, या पार्टी कोई भी कानून से उपर नहीं है।
केरल और पंजाब ने सीएए के खिलाफ केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। सीएए के विरोध में हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसात्मक घटनाएं घटित हो चुकी हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार कह चुके हैं कि प्रदेश सरकार राज्य में सीएए और एनआरसी को लागू नहीं करेगी।
सीएए राज्य में लागू नहीं करेगी सरकार
मुख्यमंत्री गहलोत विवादास्पद कानून के खिलाफ मुखर रहे हैं और पिछले महीने सीएए के खिलाफ जयपुर में एक विशाल और शांतिपूर्ण रैली आयोजित की थी। गहलोत ने विभिन्न अवसरों पर स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार सीएए और एनआरसी को राज्य में लागू नहीं करेगी। उन्होंने पहले कहा था, 'संशोधित नागरिकता कानून को लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं है।'
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)
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