अग्निपथ के खिलाफ गहलोत सरकार का हल्ला बोल: 27 जून को राजस्थान में विरोध करेंगे मंत्री-विधायक और कार्यकर्ता

केन्द्र सरकार की देश की सेना में भर्ती के लिए लाई गई 4 वर्षीय अग्निपथ योजना के विरोध में पूरे राजस्थान में कांग्रेस सरकार  27 जून को विरोध प्रदर्शन करेगी। गेहलोत सरकार के इस हल्ला बोल में कई बड़े नेता- मंत्री राजस्थान की सड़को में आएंगे नजर..

जयपुर (jaiapur). अग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध अभी थमा नहीं है। अब राजस्थान की गहलोत सरकार 27 जून को सड़क पर उतरकर अग्निपथ का विरोध करेगा। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह ने इस बात की जानकारी दी। आपको बता दें, राजस्थान सहित 10 से ज्यादा राज्यों में इस स्कीम को लेकर भयानक प्रदर्शन पूरा देश देख चुका है। बिहार में सबसे ज्यादा हिंसा हुई। करोड़ों का नुकसान हुआ। उपद्रवी छात्रों ने ट्रेन और गाड़ियों में आग लगा दी। थानों को जला दिया। पत्थर बाजी हुई। हिंसा में एक-दो छात्रों की मौत भी हुई, कई पुलिसवाले घायल भी हुए। अब इस स्कीम के विरोध में राजनीतिक पार्टियां भी अपना विरोध दर्ज करा रही हैं। 

अग्निपथ योजना के विरोध में 27 जून को सड़क पर उतरेगा कांग्रेस

प्रदेश पार्टी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "कांग्रेस इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं के साथ खड़ी है। हम अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे युवाओं की आवाज देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री तक पहुंचाएं। 27 जून को कांग्रेस पूरे राज्य और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करेगी। केंद्र में एनडीए सरकार बनाने के लिए दो बार वोट करने वाला युवा इस योजना से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए गोविंद ने कहा- युवाओं की मांगों की अनदेखी की जा रही है। लोकतंत्र और सशस्त्र बलों को कमजोर किया जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश के कुछ उद्योगपतियों  का भला करने के लिए और कुशल बेरोजगार युवाओं की टीम उपलब्ध कराने के लिए यह योजना लेकर आई है।''

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देशभर में हो रहा है विरोध
 केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह इस अग्निपथ योजना को लांच किया था जिसके तहत 17 साल से लेकर 21 वर्ष तक के युवाओं को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर भर्ती की जाएगी। इस घोषणा के बाद पूरे देश में विरोध शुरू हो गया था। अब प्रदेश की सरकार भी इसमें खुलकर युवाओं के साथ आ गई है।

अग्निपथ स्कीम को लेकर क्यों सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं युवा

सवाल - 4 साल की नौकरी के बाद 25% अग्निवीरों को स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, बाकी के 75% कहां जाएंगे। सवाल यह भी है कि 12 लाख रुपए की सेवा निधि से जिंदगी कैसे कटेगी। नौकरी का दूसरा ऑप्शन क्या होगा? टेंशन एक और है- 2021 में सेना में बहाली हुई थी, तब मुजफ्फरपुर समेत 8 जिलों के हजारों कैंडीडेट्स इसमें शामिल हुए थे। फिजिकल के बाद मेडिकल हो गया, लेकिन एक साल से लिखित परीक्षा अभी तक नहीं हुई। सवाल सिर्फ इन प्रर्दशनकारियों का नहीं है बल्कि इनके हां में हां मिलाने के लिए विपक्षी नेताओं की जमात भी कूद पड़ी है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरेजवाला ने कहा- 4 साल के बाद 22 से 25 साल की उम्र में बगैर किसी अतिरिक्त योग्यता के ये युवा क्या करेंगे? जबकि अभी 15 साल की नौकरी के बाद जब रैग्युलर सैनिक रिटायर होता है, तो उसे बैंक में गार्ड या सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिल जाती।

अग्निपथ स्कीन को लेकर हो रहे प्रदेशन के बीच केंद्र सरकार ने साफ किया है कि अग्निपथ योजना युवाओं के हित में है। सेना में जाने वाले युवाओं के लिए करियर के नए रास्ते खुलेंगे। सरकार ने 'मिथ बनाम फैक्ट्स' जारी किया है। अग्निपथ स्कीम पर फैलाये जा रहे झूठ से सावधान रहें। भ्रम फैलान वाले पूछ रहे हैं कि सिर्फ चार साल के लिए रोजगार मिलेगा। चार साल बाद भविष्य का क्या होगा? पेंशन भी नहीं मिलेगी। 10-12 लाख रुपए में जिंदगी कैसे गुजरेगी। सेना अनुभवहीन हो जाएगी। 

सरकार ने अग्निपथ स्कीम के गिनाए अनगिनत फायदे...

इससे युवाओं का सेना में जाने का सपना साकार होगा। देशभक्ति की भावना जागेगी। बेरोजगार युवाओं को 4 साल का अनुभव मिलेगा। 4 साल बाद दूसरी नौकरियों के अवसर मिलेंगे। पुलिस और दूसरी संबंधित सेवाओं में उनको प्रयोरिटी दी जाएगी। अग्निवीरों को सीएपीएफएस और असम राइफल्स में प्राथमिकता मिलेगी। कई राज्य सरकारें अपने यहां सरकारी नौकरियों में इनको प्रयोरिटी देंगी। नौकरी के दौरान तकनीकी ट्रेनिंग, डिप्लोमा और पढ़ाई के मौके मिलेंगे। कॉरपोरेट जगत में जॉब मिलने में आसानी होगी। 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी सेवा का मौका मिलेगा। 4 साल बाद 11.71 लाख सेवा निधि मिलेगी। इस पैसे से युवा आगे की पढ़ाई या अपना बिजनेस शुरू कर पाएंगे। सेना की ट्रेनिंग युवाओं में संयम और अनुशासन भरेगी। युवा स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूक रहेंगे। सेना की औसत उम्र घटकर 32 से 26 हो जाएगी। सेना को युवा जोश और सोच मिलेगी। सेना के सामर्थ्य में नयापन आयेगा। सेना को युवाओं के तकनीकी स्किल का फायदा मिलेगा। 

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