दिल्ली के जहांगीरपुरी दंगे की आंच राजस्थान तक पहुंची, सामने आई जयपुर पुलिस की लापरवाही, जानिए कैसे

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुए दंगों के बवाल की आंच अब राजस्थान तक जा पहुंची है। पुलिस और खुफिया जांच एजेंसियां संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं। खास तौर पर इस लिस्ट में  रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं जो  अवैध तरीके से प्रदेश में रह रहे हैं।
 

जयपुर. हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुए बवाल की आंच अब राजस्थान तक आ पहुंची हैं। राजस्थान पुलिस और पुलिस से जुड़ी खुफिया जांच एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ चुकी हैं और अब प्रदेश भर में उन लोगों की सर्च शुरु कर दी गई है जो अवैध तरीके से राजस्थान में रह रहे हैं। लिस्ट के टॉप पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं। शुरुआत जयपुर से कर दी गई है और शुरुआत में ही जयपुर पुलिस की लापरवाही सामने आई है। राजधानी में पुलिस कमिश्नर कार्यालय से करीब पंद्रह किलोमीटर और पुलिस थाना कानोता से महज ढाई से तीन किलोमीटर दूरी पर संदिग्ध रोहिंग्या ने दो प्लॉट खरीद लिए। इस बारे में अब एक साल के बाद पुलिस को पता चला है तो उसे डिटेन किया गया है और उसके खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। एसीबी बस्सी के निर्देश पर यह कार्रवाई कानोता पुलिस ने की है और अब जांच शुरु कर दी गई है। 
 
प्लॉट खरीद लिए, रजिस्ट्री तक करा ली... वह भी उन सरकारी दस्तावेजों से जो पूरी तरह से फर्जी
कानोता पुलिस ने बताया कि रोहिंग्या अब्दुल रहीम के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उसके पास से जो भी सरकारी दस्तावेज मिले  उन्हें जांच के लिए संबधित सरकारी कार्यालयों में भेजा गया तो अधिकतर कार्यालयों में इन दस्तावेजों का रिकॉर्ड ही नहीं मिला। राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राईविंग लाईसेंस सभी फर्जी मिले हैं। बड़ी बात ये है कि इन्ही फर्जी दस्तावेजों की मदद से अब्दुल रहीम ने कानोता थाने के ढाई से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित लक्ष्मी वाटिका के नजदीक दो प्लॉट खरीद लिए। पिछले साल मार्च अप्रेल में इनकी रजिस्ट्री भी इन्ही दस्तावेजों की मदद से करा ली। राज्य विशेष शाखा से इस बारे में कानोता पुलिस को सूचना भेजने के बाद अब उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 

पग पग पर जांच, उसके बाद भी फर्जी दस्तावेज काम में लेता रहा
कानोता पुलिस ने बताया कि जिस किसी भी काम में सरकारी दस्तावेजों की जरुरत पडती है वहां पर कार्यालयों में बैठे कार्मिक दस्तावेजों की गहनता से जांच करते हैं। लेकिन उसके बाद भी रोहिंग्या अब्दुल रहीम ने जमीनें खरीद लीं। जो भी दस्तावेज पेश किए गए वे सभी पूरी तरह से फर्जी निकले। उसके बाद भी रजिस्ट्री करा ली और सरकार को रजिस्ट्री का पैसा तक जमा करा दिया। कानोता पुलिस ने बताया कि उसे दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया था। जांच में यह सब कुछ सामने आया है। उसने लक्ष्मी वाटिका में दो जमीनें करौली निवासी समीना और रईसा से खरीदी हैं। 

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पुलिस को बताया कि नागालैंड से आए थे बाप-दादा
पुलिस ने पूछताछ के लिए अब्दुल रहीम को बुलाया तो पता चला कि की वह करीब बीस साल से जयपुर में रह रहा है। उसने बताया कि उसके परिजन नागालैंड से किसी समय राजस्थान आए थे। तब से वे यहीं बस गए। उसने यह भी बताया कि वह मेहनत नगर कच्ची बस्ती में काफी समय से रह रहा है। अब अपना मकान बनाना चाहता है। इसलिए जमीनें ली हैं। वह पुलिस की निगरानी में है। पुलिस जल्द ही बड़ा खुलासा करने की तैयारी कर रही है।
 

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