दिवाली पर लेने जा रहे हैं नए कपड़े तो पहले यह खबर पढ़ लीजिए, जिसे जान आपके होश उड़ जाएंगे

दीपावली का त्योहार आते ही बाजारों में रेडीमेड कपड़ों की मांग बढ़ गई है। क्योंकि हर कोई दिवाली पर नए कपड़े पहनता है। लेकिन नए कपड़े खरीदने जा रहे हैं तो राजस्थान की यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। नहीं तो बाद में पछताना पढ़ सकता है।

अजमेर (राजस्थान). दिवाली से पहले आप या आपके कोई जानकार नए कपड़े खरीदने जा रहे हैं तो राजस्थान की यह खबर जरूर पढ़ लें।  इस खबर को पढ़ने के बाद ही नए कपड़े लेने जाए अन्यथा आपके साथ भी धोखा हो सकता है । राजस्थान के अजमेर शहर में पुलिस ने नकली कपड़ों के गोदाम पर छापा मारा है।  ब्रांडेड कंपनी के कपड़ों की हूबहू नकल बनाकर यह लोग उन्हीं दामों पर कपड़े बेचते थे जिन दामों पर ब्रांडेड कंपनी के कपड़े बिकते हैं । 

गोदाम में माल देखकर पुलिस भी रह गई दंग
दरअसल, अजमेर शहर के आदर्श नगर थाना इलाके में स्थित अलकनंदा कॉलोनी में एक फैक्ट्री में यह छापा मारा गया है । फैक्ट्री में छापा मारने के बाद पुलिस ने मिर्जापुर उत्तर प्रदेश निवासी जमील अहमद और उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार किया है । एसपी अजमेर चुनाराम जाट ने बताया कि नकली कपड़ों के बारे में सूचना मिली थी।  फैक्ट्री पर छापा मारा । पोलो और जारा जैसी बड़ी कंपनियों का नकली माल बरामद हुआ।  जिस फैक्ट्री पर छापा मारा गया उस फैक्ट्री का नाम टीवाय शर्ट फैक्ट्री इंडिया थी । यहां पर पुलिस ने कई बड़ी कंपनियों के टैग बरामद किए हैं । इन टैग और लेबल को सामान्य शर्ट में लगाकर यह लोग उसकी कंपनी की तरह पैकिंग करते थे। 

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बड़ी-बड़ी कंपनियों के ब्रांड के नाम ऐसे लिखते थे 
पुलिस ने बताया कि जिस तरह से बड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने के लिए बटन पर भी ब्रांड का नाम लिखते हैं।  उसी तरह से इन लोगों ने भी बटन पर कंपनियों के ब्रांड के नाम लिख रखे थे।  साथ ही शर्ट की आस्तीन और पॉकेट पर भी ब्रांड का नकली लोगों लगा रखा था।  पुलिस ने अलग-अलग कंपनियों के 2000 से भी ज्यादा लेबल,  टैग बरामद किए हैं । बड़ी मात्रा में ब्रांडेड बटन भी बरामद की है । फैक्ट्री से 11 सिलाई मशीनें भी जप्त की गई है। 

2000 हजार की  चीज का 700 बताकर बेचते थे
 पुलिस ने बताया की आरोपी जमील ने अपने फैक्ट्री के बाहर बड़े बड़े अक्षरों में एडवोकेट लिखवा रखा था , ताकि पुलिस या अन्य कोई वहां घुसने की कोशिश नहीं करें । इस मामले में पहले भी क्लॉक टावर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था।  पुलिस ने बताया कि कोरोना के बाद सात से आठ महीनों तक लगातार नकली माल असली बताकर बेचा गया है और लाखों रुपयों की कमाई की गई है । माल राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बेचा है। ₹2000 की कंपनी की शर्ट को 700 से ₹800 तक होलसेल में बेचा जाता था और उसके बाद इससे भी ज्यादा रकम रिटेल वाले लेते थे, पुलिस पुराने रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।

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