राजस्थान में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए नहीं लगाने होंगे मंत्री-सांसद के चक्कर, आने वाली है ऐसी नई तबादला नीति

नई तबादला नीति का ड्राफ्ट रिटायर्ड प्रोफेसर आरके चौबीसा ने तैयार किया है। तबादला नीति को लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग की भी कई बैठकें हो चुकी हैं। सरकार की तरफ से इसके सभी दस्तावेज 31 दिसंबर 2021 तक उपलब्ध करवा दिए गए थे। जिसके बाद ड्राफ्ट को फाइनल टच दिया गया। 

जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) के सरकारी कर्मचारियों को अब तबादले के लिए मंत्री-विधायकों और अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए गहलोत सरकार जल्द ही प्रदेश में नई तबादला नीति लागू करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक तबादला नीति का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। जिसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पास भेजा जाएगा। जैसे ही सीएम ने इस पर अपनी मुहर लगाई, राज्य में इस तबादला नीति को लागू कर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि तबादला नीति के प्रावधानों के अनुसार ही अब शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों के कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। यह ड्राफ्ट मुख्य सचिव उषा शर्मा को भेजा गया है। 

जून में आ सकती है तबादला नीति
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीएम गहलोत की मंजूरी के बाद नई तबादला नीति अगले महीने जून में लागू हो सकती है। जुलाई में स्कूल-कॉलेज भी खुलेंगे। ऐसे में माना यह जा रहा है कि स्कूल-कॉलेज खुलने से पहले सरकार तबादला नीति लागू कर देगी। जिससे शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को तबादलों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े। स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई में भी कोई बाधा न आए। 

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तबादलों पर उठते रहे हैं सवाल 
राज्य में कांग्रेस (Congress) का शासन हो या फिर बीजेपी (BJP) का, ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। तबादलों में भाई-भतीजावाद और नियम विरुद्ध तबादले करने और ट्रांसफर के बदले पैसे लेने के भी आरोप लगते रहे हैं। पिथले साल ही जब मुख्यमंत्री ने भी शिक्षक दिवस पर शिक्षकों से ट्रांसफर के बदले पैसे देने को लेकर सवाल पूछा था, तब सभी शिक्षकों ने एक सुर कहा था कि तबादलों के बदले पैसे लिए जाते हैं। तब इस मामले में तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी सफाई देनी पड़ी थी।

नई पॉलिसी आने से मिलेगी राहत
प्रदेश में अगर नई तबादला नीति लागू होती है तो इससे सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। चूंकि इसके लिए उन्हें सिफारिश के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। तबादले के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें तबादला नीति के प्रावधानों के मुताबिक आसानी से उनका तबादला हो जाएगा। गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों में पारदर्शिता रखने करने के लिए नई तबादला नीति जारी करने की घोषणा की थी।

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