जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन गोस्वामी की बहू ने किया सुसाइड, पति से चल रहा था अनबन

Published : May 10, 2022, 02:43 PM ISTUpdated : May 10, 2022, 03:51 PM IST
जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन गोस्वामी की बहू ने किया सुसाइड, पति से चल रहा था अनबन

सार

गोविंद देव जी मंदिर में हर दिन पांच लाख से ज्यादा लोग दर्शन करने आते हैं। महंत अंजन गोस्वामी ही मंदिर की देखरेख करते हैं। उनकी बहू के आत्महत्या की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। परिवार में दुख का माहौल है।

जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) से बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी की बहू निवेदिता ने सुसाइड कर लिया है। उसका शव फंदे से लटकता मिला। जैसे ही परिजनों को इसकी जानकारी मिली हड़कंप मच गया। माणक चौक थाना पुलिस को तत्काल इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पति से चल रहा था अनबन
बताया जा रहा है कि मंदिर के प्रबंधक और महंत अंजन कुमार गोस्वामी के बेटे मानस गोस्वामी और बहू निवेदिता में कुछ अर्से से वैचारिक अनबन चल रही थी। आए दिन दोनों का विवाद हो रहा था। दोनों खवास जी के रास्ते पर महंत जी के मकान में ही रहते थे। मानस ही मंदिर का उत्तराधिकारी भी है। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक हर दिन की तरह मंगलवार को भी परिवार में कलह हुआ था। जिसके बाद सुबह 11 बजे निवेदिता का शव घर के एक कमरे में रस्सी से झूलता मिला। 

पुलिस जांच में जुटी
हालांकि अभी आत्महत्या का कारण साफ नहीं हो सका है। पुलिस ने SMS अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करा, उसे परिजन को सौंप दिया है। निवेदिता ने जहां फांसी लगाई, वहां FSL की टीम सबूत जुटा रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ कर रही है।

प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर 
बता दें कि जिस गोविंद देव जी मंदिर में अंजन कुमार गोस्वामी महंत हैं, उसका इतिहास करीब 250 साल पुराना है। कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना जयपुर शहर की स्थापना से भी पहले हुई थी। तब गोविंद देव जी की प्रतिमा जयपुर परकोटे के बीच नहीं बल्कि आमेर के पास कनक वृंदावन में विराजमान थी। भगवान गोविंद देव जी राजा जयसिंह के सपने में आए थे और उन्होंने कहा था कि मुझे ऐसी जगह पर रखो जहां से जनता आसानी से मेरा दर्शन कर सके। इसके बाद ही गोविंद देव जी की प्रतिमा को जयपुर परकोटे में विराजमान किया गया था। इस मंदिर भगवान कृष्ण का श्रृंगार एक राजा की तरह किया जाता है। उनकी पूजा अर्चना भी राजा की तरह ही होती है। इसी मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी अंजन कुमार गोस्वामी की है।

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