देशभर में PFI के बैन होने के बाद, क्यो बोले अजमेर दरगाह के दीवान- अच्छा हुआ बैन कर दिया

देशभर में पीएफआई के ऑफिसों में ईडी की छापेमारी होने के बाद इन्हें बैन कर दिया गया। इस मामले में बुधवार के दिन अजमेर दरगाह के दीवान का सनसनीखेज बयान सामने आया है। जहां उन्होंने की इस कार्यवाही को सही बताते हुए बोले- अच्छा हुआ कर दिया बैन, देश तोड़ रहे थे।

जयपुर. पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया... केंद्र सरकार ने इस संगठन को आज यानि बुधवार 28 सितंबर से अगले 5 साल तक के लिए बैन कर दिया है । इस संगठन को बैन करने के बाद अब इस संगठन की वेबसाइट भी बंद कर दी गई है और सोशल मीडिया पर जितने भी अकाउंट थे उनको भी सस्पेंड कर दिया गया है।  लेकिन अब इस बैंन के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने के लिए भी कहा है, ताकि किसी भी तरह का नेगेटिव मूवमेंट हो तो उसे समय रहते काबू किया जा सके।

राजस्थान में फैली संगठन की जड़े
राजस्थान में भी पीएफआई संगठन कई शहरों में फैला हुआ है और जयपुर में इसका मुख्यालय है। जयपुर के एमडी रोड पर स्थित मुख्यालय को भी सीज कर दिया गया है। राजस्थान समेत देशभर में हुए पीएफआई बैंन के बाद देश दुनिया में मशहूर अजमेर की ख्वाजा साहब दरगाह के दीवान का बयान सामने आया है। ख्वाजा साहब दरगाह के दीवान जेनुएल आबेदीन ने कहा है पीएफआई संगठन पर बैन हुआ,अच्छा हुआ। यह बैन काफी समय पहले ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा यह लोग पिछले 5 साल से षड्यंत्र रच रहे थे। यह सब कुछ पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन अब जो भी कुछ हुआ वह अच्छा हुआ। 

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NIA और ईडी ने की थी साथ में रेड
उल्लेखनीय है कि एनआईए और ईडी ने पिछले 7 दिन में देश के 15 से ज्यादा राज्यों में पीएफआई संगठन के ठिकानों पर छापे मारने के बाद ढाई सौ से ज्यादा संदिग्धों को अरेस्ट किया है। इनमें राज्यों के मुखिया समेत संगठन के मुखिया भी शामिल है। भारत में दिल्ली से संगठन के मुखिया को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली में संगठन का हेड क्वार्टर है। हालांकि इस कार्रवाई के बाद केरल समेत कुछ राज्यों में संगठन के सदस्यों ने आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी की है। राजस्थान में भी है संगठन काफी समय से चर्चित है। पिछले 7 दिनों के दौरान राजस्थान के जयपुर, अजमेर,  उदयपुर, कोटा और बादरा जिले में रेड करके कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।

क्या है पीएफआई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई (PFI) का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं। 

जस्थान में पिछले कुछ महीनों में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान पीएफआई संगठन का नाम आया था। इन दंगों में करौली , जोधपुर और उदयपुर के दंगे शामिल हैं। सांप्रदायिक तनाव और दंगों के बाद कई दिनों तक कर्फ्यू लगाया गया था और इंटरनेट तक बंद कर दिया गया था।

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