मिशन 2023 में राजस्थान दौरे पर ओवैसी: 10 सीटों पर हो सकता है रोचक मुकाबला, कांग्रेस की वोटबैंक में लगेगी सेंध

राजस्थान में 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए सभी राजनीतिक दल एक्टिव हो गए हैं।  असदुद्दीन ओवैसी चुनावों से पहले पहली बार राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं। यहां सभा को संबोधित करेंगे। 

Pawan Tiwari | Published : Sep 14, 2022 3:34 AM IST

जयपुर. राजस्थान में 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए सभी राजनीतिक दल एक्टिव हो गए हैं। 40 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी से राजस्थान में होने वाले चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में बुधवार से पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी चुनावों से पहले पहली बार राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं। यहां ओवैसी एक साथ 5 जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरे में चार बड़ी जनसभा होगीं। जिनमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे। खास बात यह भी है कि यह जनसभाएं उन्हीं क्षेत्रों में रखी गई है। जहां अल्पसंख्यक के वोटरों की संख्या ज्यादा है।

चुनाव की तैयारियां जोरों पर
ओवैसी का यह दौरा एक मैराथन दौड़ की तरह रहेगा। वह भले ही यहां हर जगह 30 मिनट ही क्यों न रुके। लेकिन माना जा सकता है कि चुनावों से करीब 1 साल पहले औवेसी द्वारा की जा रही यह चुनावी तैयारी विधानसभा चुनाव में फायदा भी देगी। 

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पार्टी के स्टेट कोऑर्डिनेटर जमील खान के मुताबिक ओवेसी दो दिनों में जयपुर सीकर झुंझुनू चूरू और नागौर के दौरे पर रहेंगे। पार्टी की 2023 में 40 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। औवेसी सबसे पहले जयपुर में पार्टी के मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक लेंगे। इसके बाद कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए सीकर पहुंचेंगे। इसके बाद फतेहपुर में बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। वो खींवसर और नवलगढ़ में भी जनसभा करेंगे। 15 सितंबर को ओवैसी नागौर के लाडनूं में जनसभा को संबोधित करें वापस रवाना होंगे। 

10 से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस को खतरा
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो ओवैसी की मैराथन यात्रा की कई सियासी मायने है। कोई इसे भाजपा का सहसंगठन बता रहा है तो कोई मुस्लिम वोट बैंक का मुखिया। लेकिन ओवैसी के इस दौरे से यह निश्चित है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को मिलने वाले अल्पसंख्यक वोटों में सेंध जरूर लगेगी। वह कांग्रेस के प्रत्याशियों को मिलने वाले वोट में बड़ी सेंधमारी कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि 10 से ज्यादा सीटों पर ओवैसी के आने से मुकाबला रोचक हो सकता है।

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