
जयपुर (jaipur). राजस्थान की गहलोत सरकार कई बड़ी योजनाएं चला रही है। जिसमें किसानों के लिए, आम जनता के लिए, बीमारों के लिए , स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए , सभी के लिए कुछ ना कुछ योजनाएं जारी है। लेकिन इस बीच एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल गहलोत सरकार की लापरवाही या बद इंतजामी के चलते राजस्थान के 4 लाख 25 हजार से भी ज्यादा किसानों का नुकसान हुआ है। इन किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल सका है। इसका खुलासा आज राजस्थान के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में हुआ है।
किसानों के लिए सरकार ने किए है कई काम
केंद्रीय कृषि मंत्री ने सांसद के साथ बातचीत में यह अवगत कराया है कि पिछले 8 वर्षों में सरकार ने कृषि के क्षेत्र में बहुत काम किए हैं और इस बजट को बहुत तेजी से बढ़ाया है। यह बजट वर्तमान में 1 लाख 32 हजार करोड़ से भी अधिक का है। कृषि मंत्री ने कहा कि इस बजट में से करीब आधा बजट प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए रखा गया है और किसानों को इसका फायदा भी लगातार मिल रहा है। इसके साथ ही 11 करोड़ पचास लाख किसानों को 2 लाख 24 हजार करोड़ किसान सम्मान निधि की राशि दी जा चुकी है। इसके अलावा भी सरकार देश भर के किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है और कई अन्य योजनाएं लाने की तैयारियां भी कर रही है।
कर दी ये बड़ी गलती, लाखों किसानों को नहीं मिली राशि
घनश्याम तिवारी के किसान निधि नहीं मिलने के लिए पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा सही तरह से सत्यापन की विधि नहीं अपनाई गई। इस कारण 4 लाख 25 हजार रुपए से ज्यादा किसानों को किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं हो सका। उनके खातों में पैसा नहीं पहुंच सका। इसके साथ ही उन्होंने यह भी खुलासा किया कि राज्य सरकार द्वारा बाजरे की खरीद के लिए भी भारत सरकार को एमएसपी (MSP) के लिए प्रस्ताव नहीं भेजे गए हैं। इस कारण इस योजना में भी कुछ परेशानियां रही है। हालांकि इस योजना के अंतर्गत अब तक 18849 करोड की राशि राजस्थान के किसानों को डीबीटी के माध्यम से दी गई है।
उल्लेखनीय है कि घनश्याम तिवारी भारतीय जनता पार्टी राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री से पूछे गए एक सवाल के जवाब में इन तमाम बातों का खुलासा हुआ है। हालांकि इस बारे में अभी तक अशोक गहलोत सरकार की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है। सरकार 4 साल का जश्न मनाने में व्यस्त है।
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