
जयपुर (jaipur). जयपुर नगर निगम ग्रेटर की पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर का नाम आज दोपहर से शाम तक हर पार्षद की जबान पर चढ़ा हुआ है। सौम्या गुर्जर ने ऐसी जबरदस्त एंट्री मारी है कि आज हो रहे नए मेयर के लिए चुनाव को भी फिलहाल आगामी आदेशों तक रोक दिया गया है। आज नए मेयर के चुनाव के लिए पार्षदों ने वोट कर दिए थे और उसके बाद मतों की गिनती भी शुरू हो गई थी ,लेकिन शाम होते-होते हाई कोर्ट का जो डिसीजन आया उस डिसीजन ने सारे समीकरण बदल दिए। हाईकोर्ट ने इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करने के निर्देश दिए हैं । उनका कहना है पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर का मामला अभी जारी है।
क्या है पूरा घटनाक्रम आसान भाषा में समझिए
दरअसल यह पूरा विवाद पिछले साल जून के महीने से शुरू हुआ । आरोप लगाए गए कि नगर निगम में सौम्या गुर्जर ने बैठक के दौरान r.a.s. अफसरों के साथ ही अन्य कार्मिकों से बदसलूकी की। उनके सामने ही वहां मारपीट हुई और विवाद बढ़ा। उसके बाद सरकार ने इसमें दखल दी और सरकार ने सौम्या गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की। उसके बाद कुछ दिन पहले यानी सितंबर के महीने में सरकार ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगाते हुए सौम्या गुर्जर को निलंबित कर दिया। सौम्या गुर्जर इसके बाद हाईकोर्ट गई और अपना पक्ष रखा। हाईकोर्ट को उनका पक्ष उचित लगा और उन्होंने इसकी सुनवाई की।
नए चुनाव के लिए आयोग ने जारी किया शेड्यूल, तभी आया ये आदेश
इस दौरान सरकार ने नए मेयर के चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग के सामने चुनाव कराने की बात कही। चुनाव आयोग ने पिछले दिनों यह शेड्यूल जारी कर दिया कि 10 नवंबर को जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर के लिए चुनाव होंगे। इस बीच भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने महिला प्रत्याशी मैदान में उतार दिए। 146 पार्षदों को वोट करने का अधिकार मिला। 146 में से करीब 143 पार्षदों ने आज दोपहर तक वोट कर दिया। दोपहर के बाद जब मतगणना शुरू हुई तो कोर्ट का आदेश आया कि सौम्या गुर्जर को निलंबित करना उचित नहीं है अभी कुर्सी पर बनी रहेंगी।
कोर्ट आदेश के बाद सील हुई वोटिंग पेटियां
उनके खिलाफ जो भी शिकायतें या जो भी आरोप हैं, उन्हें नियमानुसार निस्तारण किया जा सकता है। अब इस आदेश के बाद चुनाव आयोग ने सभी मतपेटियों को सील कर दिया है और उन्हें जल्द ही सरकार के पास जमा कराने की तैयारी की जा रही है। इस बीच यह बताया जा रहा है कि कल ही मेयर तत्कालीन पर मेयर सौम्या गुजर वापस कुर्सी पर बैठेंगे और कामकाज संभालेंगे। दरअसल सौम्या गुर्जर भारतीय जनता पार्टी से है और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।
राजस्थान के इतिहास में यह पहला मौका है कि इस तरह से विवाद बढ़ा और इस तरह से विवाद का अंत होगा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद सौम्या गुर्जर ने कहा कि उनको कानून पर भरोसा था, भरोसा है और भरोसा रहेगा। हमेशा की तरह सत्य की जीत हुई है।
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