मर्डरर ने पास की शिक्षक भर्ती परीक्षा, शिक्षा विभाग ने नियुक्ति रोकी, तो पीड़ित ने कोर्ट में लगाई गुहार

राजस्थान में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक मर्डर की सजा काट चुके व्यक्ति ने टीचर की एग्जाम पास कर ली। पर इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने उसकी ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी। इस पर पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

झुंझुनूं. राजस्थान के झुंझुनूं जिले में शिक्षक पद की नियुक्ति से जुड़ा अनूठा मामला सामने आया है। दरअसल यहां हत्या के जुर्म में सजा काट चुके एक युवक ने शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। लेकिन जब बात नियुक्ति की आई तो शिक्षा विभाग ने उस पर रोक लगा दी। इस पर युवक ने हाईकोर्ट की शरण  ली तो जज ने शिक्षा निदेशालय व झुंझुनूं के कारागार उप अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। जिसमें पूछा गया है कि क्यों न हत्या के मामले में सजा पूरी कर चुके युवक को परीक्षा पास करने के बाद सरकारी नौकरी में रखने का आदेश दिया जाए? शिक्षा विभाग व कारागार प्रशासन को अब चार सप्ताह में कोर्ट को इसका जवाब देना होगा। जहां से सहमति मिलने पर हत्या के जुर्म में सजायाफ्ता कैदी सरकारी स्कूल में शिक्षक नियुक्त हो सकेगा।

ये है मामला
झुंझुनूं के नवलगढ़ के नजदीकी गांव  पूनिया का बास निवासी परमानंद को 1997 में एक हत्या का आरोपी माना गया था। 2001 में कोर्ट ने हत्या का दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी। पर उसका जेल में आचरण अच्छा रहा तो उसे पहले खुले बंदीगृह में भेज दिया गया। इसके बाद 14 दिसंबर 2018 को स्थाई पैरोल मिल गई। व्यवहार अच्छा होने पर परमानंद को  28 मार्च 2021 को समय से पहले रिहा कर दिया। इस दौरान जेल में रहते हुए ही उसने बीए, बीएसटीसी, एमए व डिप्लोमा कोर्स कर लिए। जेल से रिहा होने पर उसने पिछले साल शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रथम लेवल के लिए आवेदन कर दिया। जिसमें वह उत्तीर्ण हो गया। लेकिन, शिक्षा विभाग ने सजायाफ्ता होने पर उसकी नियुक्ति रोक ली। जिसके बाद उसने हाइकोर्ट में अपील कर दी। जिस पर कोर्ट ने कारावास व प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को जवाब तलब किया है।

Latest Videos

वकीलों ने रखी ये दलील
परमानंद के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी थी कि भर्ती की विज्ञप्ति में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि काई व्यक्ति सजायाफ्ता है तो उसे नौकरी नहीं मिलेगी। राजस्थान पंचायत राज सर्विस रूल्स में भी यह शर्त नहीं है। फिर प्रार्थी ने कोई पक्ष छुपाया नहीं है। उसने अपने फार्म में भूतपूर्व कैदी होने की बात लिखी है। प्रार्थी का जेल में आचरण अच्छा रहने पर उसे समय से पहले रिहा किया गया है।  प्रार्थी ने जेल में रहते हुए ह्यूमन राइट्स में डिप्लोमा किया एवं जमानत के दौरान ही बीए व एमए किया है।

यह भी पढ़े- दिवाली से पहले मिठाई की जांच अधिकारी को पड़ी भारी, कमरे में बंद कर जमकर चले लात-घूंसे फिर ऐसा

Share this article
click me!

Latest Videos

हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
LIVE🔴: केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा प्रेस वार्ता
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun