
जोधपुर. दिल्ली की तिहाड़ जेल के बाद अंग्रेजो ने देश की जो दूसरी सबसे सुरक्षित जेल बनाई थी वह है जोधपुर की सेंट्रल जेल। जोधपुर सेंट्रल जेल से बड़ी खबर सामने आई है। जेल में बंद तीन साल के बच्चे की जान हलक मे अटकी हुई है। उसकी मां परेशान है और मां का रो रोकर बुरा हाल है। उसका कहना है कि एक तो बेटे को इतनी खौफनाक बचपन मिल रहा और उपर से अब उसकी जान जोखिम में आ गई है। महिला पाली जिले की रहने वाली है और यह घटना जोधपुर में सेंट्रल जेल में हुई है।
सुसर की हत्या में बंद है बहू, उसके साथ था पीड़ित
दरअसल पाली जिले के सदर थाना इलाके में स्थित दयालपुरा गांव में रहने वाले मांगीलाल बंजारा को पिछले दिनों उसकी बहू संतोष बंजारा ने जहर देकर मार दिया था। पुलिस ने बहू को पकड़ लिया और उसे जेल भेज दिया गया। पाली जिले में महिला जेल नहीं होने के कारण उसे जोधपुर जिले में सेंट्रल जेल के अधीन जिला महिला जेल में बंद कर दिया गया। वहां वह अपने तीन साल के बेटे के साथ बंद है। चूंकि बच्चा पांच साल से कम है इसलिए उसे मां के साथ रखा गया है। उसके परिजनों को बच्चा नहीं दिया गया है।
पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश करती आई
बताया जा रहा है कि जेल में महिला संतोष बंजारा के बेटे मोहित ने टॉयलेट में रखा तेजाब पी लिया। वह रोने लगा और अचेत हो गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बीच परिवार के लोगों का आरोप है कि जेल प्रशासन इस मामले को दबाता रहा। उसने संतोष पर भी दबाव बनाया कि वह किसी को भी नहीं बताए। लेकिन मामले की सच्चाई गुरुवार शाम तब सामने आ गई, जब बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी सांस नली खराब हो चुकी है। गले में तेजाब से घाव हो गए हैं और संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस पूरी घटना में फिलहाल जेल के अफसरों का कहना है कि तेजाब में पानी मिला हुआ था। बच्चे की हालत सुधर रही है। उसका उपचार जारी है।
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