राजस्थान में 3 साल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इतनी बार हो चुके दंगे, करोड़ों की सम्पत्ति हो चुकी नष्ट

Published : May 04, 2022, 12:50 PM IST
राजस्थान में 3 साल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इतनी बार हो चुके दंगे, करोड़ों की सम्पत्ति हो चुकी नष्ट

सार

जोधुपर में दो अप्रैल को देर रात हुई हिंसा के बाद शहर के हालात बिगड़ गए। दो गुटों ने एक दूसरे के ऊपर जमकर पथ्तरबाजी करते हुए तोड़फोड़ की। दूसरे दिन सरकार और प्रशासन हरकत में आया और जोधपुर के 10 से ज्यादा थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों बेहद परेशान हैं। लोक कल्याणकारी बजट, बजट में बड़ी बड़ी घोषणाओं और उनको लागू करने के बारे में लगातार सरकार प्रयास कर रही हैं। लेकिन उसके बाद भी लगातार ऐसे बवाल हो रहे हैं कि सरकार जनता के बीच विश्वास खोती जा रही हैं एक महीने में दो बड़े शहरों में हिंदु मुस्लिम दंगे इसका सबूत है। सरकार की कहीं न कहीं लापरवाही है और इसी लापरवाही के चलते आम जनता अपनी गाढ़ी कमाई से बनाई गई चल अचल सम्पत्ति अपनी आखों के सामने ही नष्ट होती देख रही है। सरकार के इस कार्यकाल में एक दो बार नहीं, पूरे छह बार हिंसग बवाल हुआ हैं। इनमें से अधिकतर बवाल और उपद्रव हिंदु और मुस्लिम समाज के बीच हुए हैं। 

गहलोत खुद सीएम भी और होम मिनिस्टर भी.... हर बार घेरती है भाजपा
17 दिसंबर 2018 को सरकार  के गठन के बाद सीएम ने कई बड़े पद अपने पास रख लिए थे। इनमें होम मिनिस्टर का पद भी था । जबकि पिछली भाजपा सरकार में होम मिनिस्टर का पद अलग मंत्री को सौंपा गया था। तीन साल में बहुत ही कम हुआ कि सीएम ने अपराध को लेकर पुलिस अफसरों की बैठक ली। कोरोना और अन्य बड़े मुदद्ों में व्यस्त रहकर अपराध की तरफ से आंखे मूंदे जाने का नतीजा ये रहा कि तीन साल में छह बार बडे साम्प्रदायिक तनाव और आगजनी की घटनाएं हो गई। करोड़ों रुपयों का नुकसान जनता को हुआ और सरकार की साख जाती रही।  कई मामलें तो दिल्ली तक जा पहुंचे। 

तीन साल में छह बार जला, टूटा और नष्ट हुआ प्रदेश 
तीन साल के दौरान कई जिलों में बवाल और उपद्रव हुआ। इसमें से छह बार तो हालात सरकार के काबू से भी बाहर हो गए। जयपुर में साल 2019 में कावड़ यात्रा के दौरान सुभाष चौक और जयपुर दिल्ली हाईवे पर दो समुदायों में झगड़े के बीच भारी उपद्रव मचा। आगजनी की गई। उसके बाद अक्टूबर 2019 में टोंक में दशहरे के जुलूस के दौरान पथराव और आगजनी की गई। फिर करीब दो साल कोरोना के चलते पुलिस बल सड़कों पर तैनात रहा। उसके बाद इस साल मार्च में भीलवाड़ा के मांडल में मंदिर के विवाद को लेकर साम्प्रदायिक तनाव हुआ। अप्रेल में बांरा जिले के छबड़ा में और फिर उसके बाद करौली और अब जोधपुर में हिंसक उपद्रव, बवाल और आगजनी की गई है।

करौली के बाद अब जोधपुर में हुई हिंसा
बता देंकि जोधुपर में दो अप्रैल को देर रात हुई हिंसा के बाद शहर के हालात बिगड़ गए। दो गुटों ने एक दूसरे के ऊपर जमकर पथ्तरबाजी करते हुए तोड़फोड़ की। दूसरे दिन सरकार और प्रशासन हरकत में आया और जोधपुर के 10 से ज्यादा थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू की घोषणा की गई है। साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद है। सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है। 
 

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