पाकिस्तान से आया मौत बांटने वाला वायरस: राजस्थान में लग गया लाशों का ढेर, सरकार ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

राजस्थान में पाकिस्तान से आया लंपी स्किन वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। रोजाना हजारों गायों की मौत हो रही है। जानवरों में यह बीमारी इस कदर फैल गई है कि मुख्यमंत्री ने राजस्थान में आपातकालीन बैठक बुलाई और मवेशियों के इलाज के लिए ₹30 करोड़ मंजूर किए हैं।
 


जयपुर. राजस्थान में हर रोज 1000 से भी ज्यादा गायों की मौत हो रही है।  प्रदेश मैं पहली बार इस तरह की कोई बीमारी आई है जिस बीमारी से अब तक इतनी मौतें हो चुकी है । सिर्फ 10 से 12 दिनों में ही 26000 मवेशियों की जान जा चुकी है। 5 लाख से ज्यादा इससे प्रभावित हैं । राजस्थान के गंगानगर और हनुमानगढ़ से फैली यह बीमारी अब राजस्थान के 25 जिलों में फैल चुकी है। अन्य जिलों में भी हालात खराब होते जा रहे हैं। इन सभी समस्याओं के बीच में आज दोपहर मुख्यमंत्री ने राजस्थान में आपातकालीन बैठक बुलाई और मवेशियों के इलाज के लिए ₹30 करोड़ मंजूर किए हैं। सरकार ने यह पैसा जल्द ही जिलों में बीमारी के हिसाब से जारी करने के निर्देश दिए हैं । साथ ही 3 दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट भी मांगी है । राजस्थान में यह पहला मौका है जब किसी बीमारी से  चंद दिनों में ही इतनी मौत हुई है। 

 26000 मवेशियों की मौत करीब तीन लाख बीमार 
राजस्थान में करीब 20 दिनों से लंपी वायरस का कहर बरपा हुआ है। इस वायरस का प्रकोप शुरू होने से अब तक 615000 से भी ज्यादा मवेशी इसकी चपेट में आ चुके हैं । इनमें से करीब 300000 मवेशी अभी भी बीमार है एवं 26000 मवेशी अब तक दम तोड़ चुके हैं।  हर रोज यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।  सरकार ने केंद्र सरकार से भी मवेशियों के इलाज के लिए सहायता मांगी ,लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में कोई बड़ी सहायता नहीं की । अब राजस्थान सरकार ने करीब ₹30 करोड़  मंजूर किए हैं।  राज्य सरकार के अनुसार इस बीमारी से सबसे ज्यादा जोधपुर, बाड़मेर ,जैसलमेर, जालौर ,पाली ,बीकानेर ,चूरू ,हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और नागौर जिला प्रभावित है । सबसे ज्यादा मौतें भी इन्हीं जिलों में हुई है। 

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हाईवे किनारे लग रहा लाशों का ढेर
मवेशियों की जान बचाने के लिए पशुपालक तरह-तरह के उपचार कर रहे हैं।  इनसे कुछ हद तक राहत मिल रही है लेकिन बीमार होने के बाद पशुओं की रिकवरी मुश्किल हो रही है। राजस्थान में लगातार पशुओं की मौत के कारण उनके शवों को डंप करना भी बड़ी समस्या बनती जा रही है।  कई जिलों में तो हाईवे के किनारे गायों के शवों को फेंक दिया गया है जिससे दुर्गंध फैल रही है।
 

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