पहली बार जिला स्तर में लागू हुई एज्युकेशन ग्रेडिंग सिस्टम में शिक्षा मंत्रालय ने सरकारी व प्रायवेट दोनों स्कूलों की एज्युकेशनल व अदर एक्टिविटी को चेक करने के बाद यह लिस्ट जारी की। इसके अनुसार सीकर जिलें को पहली रैंक मिली है।
सीकर. एजुकेशन सिटी के नाम से फेमस राजस्थान के सीकर जिले को अब शिक्षा में सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल हो गई है। शिक्षा मंत्रालय की ग्रेडिंग में जिले को देश में पहली रैंक मिली है। जो जिले में शिक्षा की आधारभूत सुविधाओं, नामांकन, शिक्षा सहित 83 प्वाइंट के आधार पर तय की गई है। जिले की इस उपलब्धि पर शिक्षा विभाग सहित शिक्षण संस्थानों तक में जश्न का माहौल है।
पहली बार जिलों के हिसाब से जारी की रैंकिंग
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से ये रैंक पहले प्रदेश स्तर पर जारी होती थी। लेकिन, पहली बार ये रैंक जिला स्तर पर लागू की गई है। जिसमें पहली बार में सीकर जिले ने नम्बर वन साबित कर देश में अपनी सफलता का डंका बजा दिया है।
दो हजार से ज्यादा स्कूल शामिल
जिलेवार शैक्षिक स्तर के मूल्यांकन के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सरकारी व निजी दोनों स्कूलों की शैक्षिक व अन्य गतिविधियों का जायजा लिया। इस दौरान सीकर जिले की करीब 2 हजार से अधिक सरकारी व निजी स्कूलों का मूल्यांकन किया गया। बाकी जिलों में भी रेण्डम आधार पर शिक्षण व्यवस्थाओं को परखा। जिसके बाद ये रैंक जारी की गई है।
राजस्थान की रैंक में ये रही अन्य जिलों की स्थिति
राजस्थान की रैंक में भी सीकर के बाद झुंझुनूं दूसरे व राजधानी जयपुर तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद के क्रम मेें बूंदी,टोंक,नागौर, बीकानेर, जोधपुर, जालौर, भीलवाड़ा, कोटा, चित्तौडगढ़, सवाई माधोपुर, अजमेर, चूरू, बाड़मेर, अलवर, दौसा, धोलपुर, गंगानगर, झालावाड़, हनुमानगढ़, राजसमन्द्र, बारां, प्रतापगढ़, भरतपुर, करौली, सिरोही, उदयपुर, पाली, डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिले शामिल रहे।
इसलिए नम्बर वन है, सीकर
सीकर जिले के देशभर में एजुकेशन के मामले में पहले नम्बर पर रहने की कई वजह है। जिनमें मुख्य वजह राजस्थान व सीबीएससी बोर्ड परीक्षा में सबसे ज्यादा टॉपर देने के अलावा यहां देशभर से विद्यार्थियों का पढ़ाई के लिए पहुंचना, उनके ठहरने के इंतजाम, बेसिक फेसिलिटी भी उपलब्ध है। इसके साथ ही शिक्षक- छात्र अनुपात के साथ यहां शिक्षण व्यवस्थाओं में सुधार में शिक्षण संस्थानों के साथ भामाशाह भी अहम भूमिका निभाते हैं।