राजस्थान के भरतपुर में पॉक्सो न्यायालय एक 7 साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए एक आरोपी मां और दादी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों ने मिलकर अपनी नाबालिग बेटी को जिंदा जलाकर मार डाला था।
भरतपुर (राजस्थान). भरतपुर जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र के एक गांव का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सात साल पहले एक नाबालिग के दुष्कर्म और जलाकर मार देने का मामला दर्ज हुआ था। लेकिन जब मामले की पड़ताल हुई तो पता चला कि बेरहम मां और दादी ने ही अपनी मासूम नाबालिग बेटी को जिंदा जलाकर मार दिया था। अब सात के इंतजार के बाद बुधवार को पॉक्सो न्यायालय नंबर दो ने मामले के तमाम गवाह और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मां और दादी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मासूम की हत्या से पहले किया था रेप
पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि 8 जुलाई 2015 को उच्चैन थाने में एक परिवादी ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ का पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में लिखा था कि नाबालिग के साथ आरोपी जग्गो ने दुष्कर्म किया था। इसके बाद नाबालिग ने खुद को आग लगाकर जान दे दी थी। पूरे मामले की जब पुलिस ने पड़ताल की तो कुछ और ही घटनाक्रम सामने आया। कोर्ट में 25 गवाहों के बयान हुए और 40 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जिनके आधार पर न्यायालय ने मामले में मृतक नाबालिग की मां और दादी को दोषी पाया।
मां और दादी ने नाबालिग को मिट्टी का तेल छिड़ककर लगाई थी आग
हकीकत में नाबालिग की मां और दादी ने ही नाबालिग को मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाकर मार दिया था। साक्ष्य छुपाने के लिए नाबालिग का अंतिम संस्कार भी कर दिया। बाद में जग्गो नमक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
अब अंतिम सांस तक जेल में रहेंगी मां और दादी
पॉक्सो कोर्ट दो के विशिष्ट न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने बुधवार को पूरे मामले की सुनवाई कर मृतक की मां नैन्हा और दादी रामोली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदंड भी लगाया। इस पूरे प्रकरण में जग्गो नामक व्यक्ति को न्यायालय ने निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया गया।