ये कैसे मां-बाप: अपनी 14 साल की बेटी को घर से निकाला, कहा-इसे रखा तो हम जी नहीं पाएंगे..चौखट पर बिलखती रही

उदयपुर जिले के भूतिया गांव में 14 साल की बच्ची की शादी उसके परिजन जबरन करा रहे थे। लड़की ने हिम्मत दिखाते हुए शादी वाले दिन ही राजस्थान की बाल आयोग की अध्यक्ष को वॉट्सऐप पर मैसेज कर पूरा मामला बताया। जिसके बाद उसका बाल विवाह रुकवाया। लेकिन अब माता-पिता बच्ची को घर में नहीं रखना चाहते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 23, 2021 11:29 AM IST

उदयपुर (राजस्थान). जहां एक तरफ लोग चांद पर रहने की सोच रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोगों की संक्रीण मानसिकता खत्म नहीं हो रही है। राजस्थान के उदयपुर जिले से समाज और परिवार का ऐसा घिनौना चेहरा सामने आया है जो सबको सोचने पर मजबूर कर देगा। जहां एक 14 साल की बेटी को उसके माता-पिता ने घर से बाहर निकाल दिया। वह बिलखती रही मां साथ रहना है, लेकिन परिवार का दिल नहीं पसीजा। क्योंकि नाबालिग ने अपना बाल विवाह करने से मना जो कर दिया था। इसलिए घरवाले उसे अब रखना नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर हमने इसको घर में रखा तो समाज के लोग हमें गांव से बाहर कर देंगे और जीने नहीं देगे।

बच्ची ने साहस दिखाते हुए रुकवा दिया था अपना बाल विवाह
दरअसल, रविवार को उदयपुर जिले के भूतिया गांव में 14 साल की बच्ची की शादी उसके परिजन जबरन करा रहे थे। वह अभी 7वीं में पढ़ती है, लेकिन परिजन हैं कि उसकी पढ़ाई छुड़वाकर उसका बाल विवाह करने चले। लेकिन लड़की ने हिम्मत दिखाते हुए शादी वाले दिन ही राजस्थान की बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को वॉट्सऐप पर मैसेज कर पूरा मामला बताया। साथ ही शादी के कार्ड की फोटो भी भेजी। मैसेज में लिखा- मैडम मेरी शादी रुकवा लीजिए, मैं पढ़ना चाहती हूं और परिवार के लोग मेरी शादी कर रहे हैं।

मासूम बिलखती रही, माता-पिता का नहीं पसीजा दिल
बच्ची की शिकायत के बाद तत्काल संगीता बेनीवाल ने इस मामले की जानकारी उदयपुर कलेक्टर को दी। जिसके बाद इलाके के एसडीएम पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे और विवाह रुकवाया। उसके बाद CWC की मदद से लड़की की काउंसिलिंग कराकर उसे उदयपुर में नारी निकेतन के बालिका गृह में रखा गया। लेकिन अब दो दिन बाद जब बाल आयोग की अध्यक्ष और पुलिस बच्ची को लेकर उसके घर पहुंची तो लड़की के पिता ने उसे घर में रहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हमने इसे घर में रखा तो समाज हमारा बहिष्कार कर देगा।

पापा मैं पढ़ना चाहती हूं..घर में रहने दो, लेकिन
पुलिस और बाल आयोग की अध्यक्ष के साथ घर पहुंची बच्ची ने अपने माता-पिता से हाथ जोड़कर उस दिन के लिए माफी भी मांगी। बच्ची ने कहा कि पापा मैं अभी पढ़ना चाहती हूं, जब मेरी पढ़ाई पूरी हो जाए तो आप जहां कहेंगी में शादी कर लूंगी। मुझे घर में रख लीजिए। इतना ही नहीं मां-बाप को अधिकारियों ने खूब समझाया और कहा कि हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे बस बच्ची को रख लीजिए। मौके पर मौजदू समाज के लोगों को भी समझाया, लेकिन वह नहीं माने। पिता ने कहा कि इसे घर में रखेंगे तो हमारी बदनामी होगी। समाज के लोग गांव से बाहर कर देंगे। वहीं समाज के लोगों ने कहा-यह कोई पहली बार नहीं हुआ है हमारे यहां तो इसी उम्र में शादी होती है। तमाम कोशिक करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। आखिर बाद में बच्ची को वापस उदयपुर बालिका गृह छोड़ा गया।

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