राजस्थान विधानसभा का चुनाव 2023 में होने को है। लेकिन सभी पार्टियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी हैं। वहीं चुनावी रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साल पहले ही चुनावी शखंनाद करने जा रहे हैं। पीएम 1 नवंबर को बासंवाड़ा जिले में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं। जिसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
बांसवाड़ा. राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में अब 1 साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में भाजपा ने अब एक साल पहले से ही चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत राजस्थान में आदिवासी इलाके बांसवाड़ा से होने जा रही है। यहां आदिवासी वोटरों को साधने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी खुद 1 नवंबर को राजस्थान आ रहे हैं। जहां वह आदिवासियों को संबोधित भी करेंगे। इसके बाद अगले 6 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में तीन से चार दौरे होना बताया जा रहे हैं।
अगले 6 महीने में शेखावाटी, जोधपुर समेत कई इलाकों में पीएम के दौरे
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सूत्रों की माने तो राजस्थान में जिस जिस इलाके में भाजपा कमजोर है। वहां यह मास्टर प्लान लागू किया जाएगा। पार्टी के स्टार प्रचारक खुद नरेंद्र मोदी ही हैं। ऐसे में उनकी सभा के जरिए ही वोटरों को साधने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में अगले 6 महीने में शेखावाटी, जोधपुर समेत कई इलाकों में पीएम के दौरे हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है।
शेखावाटी और जोधपुर में पीएम मोदी करेंगे ज्यादा सभाएं
आपको बता दें कि राजस्थान में भाजपा की सबसे ज्यादा स्थिति शेखावाटी और जोधपुर में ही खराब है। शेखावाटी के सीकर चूरू और झुंझुनूं में कुल 21 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें अट्ठारह पर आज भी कांग्रेस का ही कब्जा है। वही पार्टी की ऐसी ही हालत जोधपुर में भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले 1 साल में यहां के वोटरों को भाजपा अपने पक्ष में लेने के लिए पीएम मोदी की सभा समेत अन्य कई बड़े आयोजन करेगी। शेखावाटी के वोटरों को साधने के लिए 17 अक्टूबर को भाजपा ने किसान सम्मेलन भी शेखावाटी के सीकर जिले में ही किया। जहां शेखावाटी के तीनों जिलों के कार्यकर्ता एक हुए। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान भाजपा नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी काफी ज्यादा चर्चा रहती है। ऐसे में उन्हें भी राजस्थान में वोटरों को लुभाने के लिए बुलाया जा सकता है।
एक तीर से तीन शिकार करने वाले हैं पीएम, इसलिए बांसवाड़ा को चुना गया
दरअसल एक नवम्बर को बांसवाड़ा में पीएम की जो सभा है उसका चुनाव करने के लिए पीछे पीएम मोदी का मास्टर माइंड मैनेजमेंट है। बांसवाड़ा को इसलिए चुना गया क्योंकि इसकी सीमा गुजरात और एमपी से टच होती है। दोनो ही राज्यों में जहां सीमा टच होती है वहां पर भी आदिवासी बेल्ट ही है। गुजरात में जल्द ही चुनाव होने हैं और अगले साल ही एमपी में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इन तीन राज्यों के आदिवासी बेल्ट को एक साथ साधने की तैयारी की जा रही है। इस बेल्ट में साल 2018 में वसुंधरा राजे ने भी बड़ी सभाएं की थीं। लेकिन वहां से परिणाम सामने नहीं आ सके थे। उधर बांसवाड़ा को कुछ दिन पहले ही सीएम गहलोत ने बड़ी सौगातें दी हैं और वहां के आदिवासियों को साधने की कोशिश की है।