
जयपुर. राजस्थान के डूंगरपुर में स्थित बेणेश्वर धाम में आज राहुल गांधी की सभा से ठीक पहले उस समय बवाल मच गया जब अचानक पुलिस ने काले रंग पर धावा बोल दिया । सभा में हजारों लोग शामिल हुए लेकिन सभा में काले रंग को एंट्री नहीं दी गई। काले कपड़े जो भी पहन कर आए उनके कपड़े बाहर ही निकलवा दिए गए। ना तो रुमाल, ना शर्ट , ना पेंट ,काले रंग के कपड़ों को बिल्कुल अलाउड नहीं किया गया ।
इस डर के चलते सरकार ने उतरवा दिए काले कपड़े
सरकार को डर था कि काले रंग से कहीं कोई विरोध प्रदर्शन की प्लानिंग ना कर ले। आईबी से भी इस बारे में लोकल पुलिस को सूचना मिली थी । इन सभी स्थितियों को देखते हुए सरकार ने पुलिस को निर्देश दिए कि सभा में काले रंग के कपड़ों को अलाउ नहीं किया जाए। ऐसा हुआ भी सभा से ठीक पहले काले रंग के कपड़े निकलवाए। तो सभा स्थल के बाहर काले रंग के कपड़ों का ढेर लग गया। जब सभा के बाद लोग वापस बाहर निकले । तो उनमें से कई कपड़े लोग ले जा चुके थे कई कपड़े फट चुके थे।
काले रंग से डरने का यह सिलसिला नया नहीं है
गौरतलब है कि काले रंग से डरने का सरकारों का सिलसिला नया नहीं है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी भी कई बड़े आयोजनों में काले रंग से डर चुकी है । काला विरोध का रंग माना जाता है और माना जाता है कि काले रंग दिखा कर किसी भी सभा को महत्वहीन बनाया जा सकता है । यही कारण रहा है कि दिल्ली या अन्य किसी राज्य से आने वाले नेता की किसी भी बड़ी सभा से पहले सरकारें काले रंग को अलाउ नहीं करती ।
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काले रंग के कपड़ों के बिना ही दी गई एंट्री
आज काले कपड़ों को लेकर लोगों ने विरोध भी किया । लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। काले कपड़े पहन कर आए लोगों ने सभा में घुसने से पहले अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का विरोध भी किया लेकिन पुलिस अफसरों ने यहां तक कि नेताओं की भी नहीं चली । नेताओं को भी अपने समर्थकों को कहना पड़ा कि वह काले रंग के कपड़ों को बाहर त्याग कर आए तभी उनको सभा में एंट्री दी जाएगी । इस कारण कई बार माहौल खराब भी हुआ लेकिन भारी पुलिस बंदोबस्त के कारण किसी तरीके का उग्र प्रदर्शन नहीं हो सका। काले रंग काले रंग की सभा में एंट्री नहीं होने पर न तो किसी पुलिस अधिकारी ने न हीं कांग्रेस के किसी नेता ने किसी तरीके का बयान जारी किया है।
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