पुलिस ने उस शख्स को काफी समझाया और खड़े होकर मंत्री से मिलने को कहा लेकिन वह नहीं माना। वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। आखिरकार पुलिसवालों ने उसे जाने दिया। वहीं, गहलोत सरकार के मंत्री ने जल्द से जल्द उसकी समस्या के समाधान का भरोसा दिया।
भरतपुर : अब तक आपने भगवान के सामने लोगों को दंडवत प्रणाम करते हुए या दंडवत परिक्रमा लगाते हुए देखा होगा। लेकिन राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) में सोमवार को एक ऐसा वाकया देखने को मिला कि हर कोई चौंक गया। जनसुनवाई के दौरान एक शख्स अचानक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा (Ramesh Chand Meena) के सामने दंडवत हो गया। इस दौरान पुलिस ने भी उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा और दंडवत करते हुए मंत्री जी के पास पहुंच गया।
मंत्री जी अब तो मान जाइए
दरअसल, जिले के प्रभारी मंत्री रमेश मीणा की जनसुनवाई चल रही थी। तभी सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा पेयजल की समस्या लेकर वहां पहुंच गए। सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा जमीन में लेटकर दंडवत करते हुए जनसुनवाई में पहुंचे, इस बीच पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस अधिकारियों ने विजय मिश्रा से कहा कि आप चलकर अपनी समस्या लेकर मंत्री जी तक पहुंचे। लेकिन विजय मिश्रा अड़ गए और दंडवत करते हुए ही मंत्री तक अपनी समस्या लेकर पहुंचे।
हम भगवान नहीं हैं
जब सामाजिक कार्यकर्ता को इस तरह अपने पास आते मंत्री रमेश मीणा ने देखा तो वे नाराज हो गए। ऐसी कार्यशैली पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि आपको इस तरह जनसुनवाई में नहीं आना चाहिए। हमें तो जनता ने ही चुनकर भेजा है। हम कोई भगवान नहीं है जो हमारे सामने दंडवत करते हुए यहां तक आए हैं।
आश्वासन के बाद माने
सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रभारी मंत्री से बताया कि कामां क्षेत्र में कई साल से पानी की समस्या बनी हुई है। घरों में आठ दिन में एक बार पीने के पानी की सप्लाई हो रही है। जिससे लोग काफी परेशान हैं। इस पर मंत्री मीणा ने जिला कलेक्टर और संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात कर पेयजल समस्या का 10 दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया।
इसे भी पढ़ें-जानिए क्या है ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट जिस पर गरमाई सियासत, अशोक गहलोत-गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने
इसे भी पढ़ें-राजस्थान का अनोखा मामलाः 'मैं मां बनना चाहती हूं, पति को कुछ दिन घर जाने दें', जज ने दिया 15 दिन का पैरोल