सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में इसके जांच के आदेश भी दिए। जिसके बाद मौके पर तहसीलदार और जिले के एसडीएम अफसर अपनी टीम के साथ पहुंचे। बता दें कि जिन बच्चों को शादी के जोड़े में देखा गया उन सभी की उम्र 10 से 12 साल के बीच की बताई जा रही है।
भीलवाड़ा. राजस्थान से आए दिन बाल विवाह के मामले सामने आते रहते हैं। अब फिर एक तस्वीर सामने आई है, जहां एक मंदिर में एक नहीं, बल्कि कई नाबालिगों के जोड़े देखे गए। जिन्हें परिजन ग्राम देवता की पूजन करने के लिए पहुंचे हुए थे। हैरानी की बात यह है कि स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में भनक तक नहीं लगी।
खेल-खेल में एक दूसरे को थप्पड मारने लगे थे दूल्हा-दुल्हन
दरअसल, यह हैरान करने वाला मामला भीलवाड़ा जिले के दो गांव गेंदलिया और आसींद गांव का है। जहां वह एक मंदिर में जोड़ों को धोक लगाने की रस्म कराने के लिए पहुंचे हुए थे। इसी दौरान नबालिग जोड़े खेल-खेल में एक दूसरे को थप्पड मारते हुए भी दिए। सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीरें और वीडियो भी वायरल है।
शादी करने वाले जोड़ों की उम्र 10 से 12 साल के बीच
सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में इसके जांच के आदेश भी दिए। जिसके बाद मौके पर तहसीलदार और जिले के एसडीएम अफसर अपनी टीम के साथ पहुंचे। बता दें कि जिन बच्चों को शादी के जोड़े में देखा गया उन सभी की उम्र 10 से 12 साल के बीच की बताई जा रही है। अभी उनके खेलने और पढ़ने की उम्र है और परिजनों ने उनकी शादी कर दी। दो गांव में हुए तीन बाल विवाह ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन परिजनों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
गहलोत सरकार बनाने जा रही थी बाल विवाह पर कानून
बता दें कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में बाल विवाह को मान्यता देने वाला कानून पारित किया था। जिसे लेकर राजस्थान से लेकर पूरे देश में विरोध हुआ था। बीजेपी से लेकर कई सामाजिक संगठनों ने सीएम गहलोत के खिलाफ जगह-जगह हंगामा भी किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर विवादास्पद विवाह संशोधन बिल 2021 को वापस लेने को कहा था।