राजस्थान के राजसमंद जिले के एक घर में अभी-अभी खुशी की किलकारियां गूंजी थीं कि अब मातम की चीखे सुनाई दे रही हैं। महज 9 दिन पहले एक बच्ची के जन्म हुआ था और परिवार के तीन लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई। दुखद बात यह है कि अपनी बेटी का चेहरा पिता ने देखा भी नहीं था कि वह भी इस दुनिया को अलविदा कह गया।
राजसमंद, राजस्थान के राजसमंद जिले के रेलमगरा एरिया में रहने वाले एक परिवार में दुखों का पहाड ऐसा टूटा है कि देखने वालों का कलेजा कांप जाए। इस घर में अभी-अभी खुशी की किलकारियां गूंजी थीं कि अब मातम की चीखे सुनाई दे रही हैं। महज 9 दिन पहले एक बच्ची के जन्म हुआ था और परिवार के तीन लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई। दुखद बात यह है कि अपनी बेटी का चेहरा पिता ने देखा भी नहीं था कि वह भी इस दुनिया को अलविदा कह गया। जब एक साथ तीन अर्थी निकलीं तो गांव के हर शख्स की आंखों से आंसू बहने लगे। इतना ही नहीं किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला।
एक साथ परिवार के 4 लोगों की मौत
दरअसल, अमरपुरा के रहने वाले देवीलाल गाडरी अपने पिता प्रताप गाडरी का इलाज कराकर जयपुर से लौट रहे थे। साथ में उनकी मां सोहनी और एक रिश्तेदार थे। इसी दौरान मंगलवार आधी रात के बाद भीलवाड़ा जिले के थाना रायला क्षेत्र में में उनकी कार को टक्कर मार दी। जिसमें माता-पिता, बेटा और एक रिश्तेदार सहित चार लोगों की मौत हो गई।
दर्दनाक मंजर देख फट गया कलेजा
बता दें कि बुधवार शाम जब एंबुलेंस एक ही परिवार के तीन लाशें घर पहुंची तो यह दर्दनाक मंजर दे हर कोई रो पड़ा। खबर मिलते ही मृतकों के घर पर भीड़ का जमावड़ा लग गया। वहीं मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। इस मौके पर शायद कोई ऐसा था जिसकी आंख से आंसू नहीं निकले होंगे।
पिता ने बेटे का चेहरा भी नहीं देखा और मौत
गांव के लोगों ने बताया कि देवीलाल 10 दिन पहले अपने पिता प्रताप गाडरी का इलाज कराने के लिए जयपुर गया हुआ था। इसी दौरान देवीलाल की पत्नी ने एक दिन बाद बेटी को जन्म दिया। इससे पूरा परिवार बेहद खुश था। अस्तपताल में भर्ती दादा अपनी पोती के जन्म की खबर सुनकर खुश थे। जल्द ही ठीक होकर वह उसका चेहरा देखने वाले थे। लेकिन घर आते वक्त ऐसा भयानक हादसा हो गया कि दाद-दादी और पिता की चेहरे देखे बिना ही मौत हो गई।
गांव में चू्ल्हा तक नहीं जला
बता दें कि गुरुवार को परिवार के तीन लोगों की एक साथ अर्थी निकाली गई। जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ। इस दौरान पूरा गांव गमगीन हो गया। गांव में ना सिर्फ लोगों ने अपनी दुकान बंद रखी बल्कि चूल्हा तक नहीं जलाया। एक ही परिवार में हुई तीन मौत पर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। वहीं परिवार के बड़े बेटे किशनलाल ने माता-पिता और छोटे भाई को मुखाग्नि दी।