चाची ने किया रिश्ते को तार तार, भाभी से खुन्नस में अपने ही भतीजे के मर्डर की कर दी प्लानिंग

चोरी करने का शक आरोपी पर आया तो जेठानी से करने लगी नफरत। गुस्सा ऐसा बढ़ा कि मौका पाते ही एक दिन मासूम भतीजे को पानी की टंकी में डुबा किया मर्डर। 15 दिन बाद जाके आया सबके सामने सच।

कोटा. करीब 15 दिन पहले कोटा के रामपुरा थाना में एक मासूम की हुई रहस्यमयी मौत का राज खोलते हुए पुलिस ने उसकी चाची को अरेस्ट किया है। कुछ दिन पहले  डेढ़ साल के मासूम का शव घर के पानी टंकी में मिला था। परिवार की मांग के बाद कब्रिस्तान में दफनाए गए बच्चे का शव भी बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम कराया गया था। मामला शहर के रामपुरा थाना स्थित लाड़पुरा कस्बे के करबला क्षेत्र का है जहां डेढ़ साल के अबीर के मर्डर के जुर्म में उसकी चाची सोबिया को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सोबिया परिवार की सबसे छोटी बहू है। आरोपी ने इस घटना को अपने कुछ रिश्तेदारो की मदद से अंजाम दिया है। प्लानिंग करने के बाद आरोपी ने मासूम को छत पर रखी 500 लीटर की पानी की टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया। पुलिस के लिए ये ब्लाइंड मर्डर सुलझाना पहेली बना हुआ था। क्योंकि घटना के समय  घर पर केवल लेडीज ही थी। 
ये था मामला
25 अप्रैल की शाम को डेढ़ साल के मासूम का शव छत पर रखी 500 लीटर की पानी की टंकी में मिला था। टंकी का ऊपर से ढक्कन लगा हुआ था। परिजन मासूम के शव को
निकाल कर तुरंत अस्पताल लेकर गए। जहां ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उस दिन परिजनों ने पुलिस को कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए, मासूम का शव
दफना दिया था। हत्या के दूसरे दिन अबीर के नाना और पिता को मृतक के मरने के तरीके पर शक हुआ। क्योंकि मासूम घुटनों के बल चलता था और टंकी काफी ऊंचाई पर थी
जहां पर मृतक अकेले नहीं पहुंच सकता था। इसलिए मामले की फिर से इंवेस्टिगेशन की मांग को लेकर मृतक अबीर के पिता इमरान व नाना सईद ने आईजी को ज्ञापन दिया था।
जिसके बाद कोर्ट के आदेश से अबीर के शव को कब्रिस्तान से बाहर निकाला गया। पुलिस व परिजनों की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया।
घर के लोगों पर आया शक
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी सामने आया उसके आधार पर पुलिस ने परिवार के लोगों से ही पूछताछ शुरू की। किसी ने भी मासूम का मर्डर करते नहीं देखा था। गवाह ना होने से
यह ब्लाइंड केस था, जिसके कारण खुलासा करना आसान नहीं था। घटना की पूरी जांच करने में पुलिस को 15 दिन का समय लग गया। 
घर में चोरी होने का शक आया था आरोपी पर इस कारण था गुस्सा 
अबीर की मां अंजुम ने कहा कि घर में जब 6 महीने पहले चोरी हुई थी। तब सोबिया पर ही शक गया था। इस मामले में थाने में रिपोर्ट नहीं दी थी। लेकिन इस घटना के बाद से
सोबिया उनसे गुस्सा रहने लगी थी। एक ही मकान में रहने के बावजूद दोनों के बीच तब से बातचीत बंद थी। लेकिन इस खुन्नस में वह मासूम बच्चे को मार देगी ऐसा किसी ने
नहीं सोचा था।
पुलिस ने बताया कि सोबिया अपनी जेठानी अंजुम से बैर रखती थी। अबीर की हत्या के कुछ दिन पहले अबीर की मां सामने वाले मकान में खाना बना रही थी। जब वह घर लौटी
तो उस समय बच्चा रोता हुआ मिला, और उसके मुंह पर नाखून से नोंचने के निशान थे।

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