राजस्थान: पुलिस की पिटाई से नाबालिग को हुई खून की उल्टी, मौत के बाद भयंकर बवाल... देखें Video

राजस्थान के सीकर में 17 साल के नाबालिग की मौत के बाद बवाल हो गया है। परिजनों व ग्रामीणों ने यहां शव रास्ते पर ही रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से नाबालिग के खून की उल्टी शुरू हो गई थी।

Rakhi Singhal | Published : Aug 31, 2022 11:22 AM IST

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ कस्बे के खीरवा गांव में आज एक 17 वर्षीय नाबालिग की मौत को लेकर बवाल हो गया। लक्ष्मणगढ़ पुलिस की पिटाई से नाबालिग की मौत का आरोप लगाते हुए परिजनों व ग्रामीणों ने यहां शव रास्ते पर ही रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से नाबालिग के खून की उल्टी शुरू हो गई थी। जिसके बाद उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में नाबालिग के परिजनों व ग्रामीणों के साथ भाजपाइयों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खीरवा- दूधवा रोड पर प्रदर्शन करते हुए वे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित तीन मांगों पर अड़ गए हैं। जिन्हें प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी समझाने में जुटे हैं। 

ये है मामला
मृतक नाबालिग पर मोटरसाइकिल चोरी का आरोप होने की वजह से बलारां थाना पुलिस ने उसे 17 अगस्त को गिरफ्तार कर लक्ष्मणगढ़ पुलिस को सौंप दिया था। जिसके अगले दिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया। नाबालिग के पिता नेमीचंद का आरोप है कि इसके बाद से ही उसे खून के उल्टी दस्त शुरू हो गए। जिसका अस्पताल में उपचार करवाने पर उसकी मौत हो गई। पिता का कहना है कि नाबालिग ने उसे लक्ष्मणगढ़ थाने में पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की बात कही थी। जिसकी वजह से ही उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। ऐसे में पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

तीन मांगों को लेकर प्रदर्शन
मामले में परिजन व ग्रामीण दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने के अलावा 40 लाख रुपए के मुआवजे और परिवार को एक सरकार नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जिन्हें मौके पर पहुंचे भाजपा नेताओं ने भी समर्थन दिया है। भाजपा नेता व पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश जोशी और भाजपा जिला मंत्री भागीरथ गोदारा सहित कई भाजपाई मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। 

समझाने में जुटे अधिकारी
शव रखकर प्रदर्शन की सूचना पर एसडीएम कुलराज मीणा, तहसीलदार भीमसेन सैनी, पुलिस उपाधीक्षक श्रवण सिंह तथा फतेहपुर पुलिस उपाधीक्षक राजेश विद्यार्थी मौके पर पहुंचे। जो उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को समझाने में जुटे हैं। लेकिन, प्रदर्शनकारी अब तक सहमत नहीं हुए हैं।

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