चीखते हुए बोली- पिता मेरे सब कुछ थे, जब वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी? यह कहते हुए उसने चिता में छलांग लगा दी। यह दृश्य जिसने भी देखा उसका कलेजा फट गया। बड़ी बहन पिंकी परिजनों के साथ उसे चिता से निकालने में जुट गई, लेकिन जब तक वह 70 फीसदी से अधिक जल चुकी थी।
बाड़मेर (राजस्थान). कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है। रोजना ऐसी तस्वीरें और खबरे सामने आ रही हैं जिन्हें सुनकर देखकर कलेजा फट जाता है। ऐसी एक भयावह घटना राजस्थान के बाड़मेर से सामने आई है। जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। जहां एक बेटी अपने पिता की मौत के बाद इस कदर टूट गई कि वह पिता की जलती चिता में कूद पड़ी। श्मशान में खड़े लोग कुछ समझ ही नहीं पाए कि यह क्या हो गया। आनन-फानन में किसी तरह लोगों ने उसे चिता से बाहर निकाला। लेकिन तब तक वह 70 फीसदी तक जल चुकी थी। फिलहाल उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। वह
कोई कुछ समझ पाता इससे पहले बेटी चिता में कूद गई
दरअसल, यह मार्मिक घटना बाड़मेर जिले में मंगलवार को घटी। जहां रॉय कॉलोनी के रहने वाले 65 वर्ष के दामोदर शादरा पिछले दिन कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्हें राजकीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचे हुए थे। परिवार के अन्य लोग पास में बैठकर चिता को देखने लगे, इस दौरान दामोदरदास की तीन बेटियां भी वहां मौजूद थी। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही छोटी बेटी ने चिता में छलांग लगा दी।
''पापा मेरे सब कुछ थे, जब वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी''
बताया जाता है कि छोटी बेटी चंद्रा अपने पिता को अग्नि देने के लिए आई थी, इसके बाद सभी लोग पास में ही जाकर बैठ गए। बेटी भी वहीं पास खड़े-खड़े रो रही थी। इसी दौरान वह चीखते हुए बोली- पिता मेरे सब कुछ थे, जब वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी? यह कहते हुए उसने चिता में छलांग लगा दी। यह दृश्य जिसने भी देखा उसका कलेजा फट गया। बड़ी बहन पिंकी परिजनों के साथ उसे चिता से निकालने में जुट गई, लेकिन जब तक वह 70 फीसदी से अधिक जल चुकी थी। अधिक जल जाने के कारण चंद्रा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। वह जिंदगी की जंग लड़ रही है।
पिता का गम नहीं सह सकी बेटी
घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। वह लड़की की हालत देखने अस्पताल भी पहुंचे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवती बयान देने की स्थिति में नहीं है। कोविड के शिकार हुए दामोदर दिव्यांग थे और उनको पहले से पेट्रोल पंप आवंटित था लेकिन प्रशासन ने पिछले दिनों सील कर दिया था। इसके बाद से ही पूरा परिवार इसके लिए संघर्ष कर रहा था और काफी बुरी हालत में था। पिता के जाने के बाद बेटी यह गम नहीं सह सकी और चिता में कूद पड़ी।