
जयपुर। पल्स पोलियो (Pulse Polio) के खात्मे के लिए राजस्थान (Rajasthan government) ने रविवार को प्रदेशभर में पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक देने की शुरुआत की। इसके तहत पांच साल तक के बच्चों काे पोलियो की खुराक दी जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi lal meena) ने इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने की अपील की थी। प्रदेश में छूटे हुए बच्चों को पोलिया की खुराक देने के लिए 54,627 पोलियो बूथ बनाए गए हैं। इसके अलावा 2,215 ट्रांजिट टीम और 3,381 मोबाइल टीमें बनाई गई हैं। अभियान के पहले दिन बूथों पर दवा दी जा रही है। इन बूथों पर आने से जो छूट गए हैं उन्हें अगले दो दिनों तक स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर-टू-डोर ड्राइव में दवा पिलाई जाएगी।
2009 में सामने आया था पोलियो का आखिरी मामला
राजस्थान में पोलियो का आखिरी मामला नवंबर 2009 में सामने आया था। मंत्री मीणा का कहना है कि तब से अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2011 के बाद हमारे देश में पोलियो का कोई नया मामला नहीं पाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जिलों के चिह्नित हाई रिस्क एरिया,ईंट भट्टों, निर्माणाधीन कन्सन्ट्रकशन साइट आदि पर पोलियो टीकाकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए मिशन इंद्र धनुष 4.00 का दूसरा चरण 7 मार्च से शुरू होगा। इसमें नियमित टीकाकरण से छूट रहे 2 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए जाएंगे।
2014 में पोलियो मुक्त हुआ था भारत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था। रविवार को शुरू हुआ पल्स पोलियो कार्यक्रम अपने 27 वें वर्ष में है। यह 1995 में शुरू किया गया था। तब से पांच साल तक के बच्चों को मुफ्त पोलियो की खुराक दी जा रही है।
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