ये है राजस्थान की सबसे बड़ी लिंगोद्भव मूर्ति, औरंगजेब ने भी किया था यहां हमला

हर्षनाथ मंदिर को भी आक्रांता  औरंगजेब के हमले का सामना करना पड़ा। इतिहासकारों के अनुसार हर्षनाथ का मंदिर 12 साल में बना।  जिसके लिए बाहरी रियासतों से मजदूर बुलाए गए थे। लिंगोद्भव मूर्ति का संबंध सृष्टि की उत्पति से है।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में हर्ष ऐतिहासिक पर्यटक स्थल होने के साथ आध्यात्म का भी बड़ा केंद्र है। जहां 1061 साल पहले बना मंदिर पौराणिक महत्व का है। चौहान शासक द्वारा पहाड़ी की चोटी पर बसाये इस मंदिर में यूं तो पंचमुखी शिवजी के दर्शन करने दूरदराज से लोग पहुंचते हैं। पर उतना ही महत्व औरंगजेब के आक्रमण के बाद संरक्षण के लिए अजमेर के म्यूजियम में रखी लिंगोद्भव मूर्ति का भी है। जिसे ऐतिहासिक होने के साथ प्रदेश की एकमात्र व सबसे बड़ी लिंगोद्भव मूर्ति माना जाता है। 

सृष्टि की उत्पत्ति से संबंध 
लिंगोद्भव मूर्ति का संबंध सृष्टि की उत्पति से है। जिसमें शिवलिंग से ब्रम्हा, विष्णु व भगवान गणेश का जन्म व उसके बाद सृष्टि के विस्तार का स्वरूप देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये सृष्टि के प्रारंभ का परिचय देती है। हालांकि लिंगोद्भव की मूर्तियां दक्षिण भारत के कई मंदिरों में भी देखने को मिलती है। लेकिन, इस आकार व रूप की यह एकमात्र मूर्ति मानी जाती है।

Latest Videos

961 में बना था मंदिर
हर्ष पर्वत पर स्थित शिव मंदिर विक्रम संवत 1018 यानी सन 961 में बना था। यह क्षेत्र पहले अजमेर सांभर के चौहान वंश के शासक सिंहराज के अधीन था। जय हर्षनाथ- जय जीण भवानी पुस्तक के लेखक महावीर पुरोहित के अनुसार इस दौरान नजदीक स्थित रानोली के एक ब्राह्मण सुहास्तु रोजाना पैदल चलकर हर्ष पर शिव साधना करते थे। जिनके कहने पर राजा सिंहराज से हर्ष पर हर्षनाथ मंदिर बनवाया। साथ ही हर्ष गांव भी बसाया। इतिहासकार डा. सत्यप्रकाश ने इसे अनन्ता नगरी कहते हुए लिखा कि यहां पहले चंद्रभागा नदी बहती थी। 

12 साल में बना मंदिर
इतिहासकारों के अनुसार हर्षनाथ का मंदिर 12 साल में बना। जिसके लिए बाहरी रियासतों से मजदूर बुलाए गए थे। इसके लिए  पत्थर नागौर के छोटी खाटू गांव तथा मकराना व मध्यप्रदेश के मालवा व मेवाड़ से लाया गया। मंदिर निर्माण के दौरान महाराजा सिंहराज व सुहास्तु की मृत्यु के बाद चौहान राजा विग्रह ने संवत 1030 यानी सन 973 में मंदिर का निर्माण पूरा करवाया।

औरंगजेब के आक्रमण के बाद फिर बना मंदिर
हर्षनाथ मंदिर को भी आक्रांता  औरंगजेब के हमले का सामना करना पड़ा। उसने पूरे मंदिर को तहस नहस कर दिया। इसके बाद विक्रम संवत 1781 में सीकर के राजा शिवसिंह ने दूसरा शिव मंदिर बनाया। पंचमुखी महादेव की स्थापना भी उन्होंने ही करवाई।

इसे भी पढ़ें-  WhatsApp चैट पर इन खूबसूरत महिलाओं की मीठी-मीठी बातें और फोटो देखकर जवान ने खोल दिए अपने सारे सीक्रेट

Share this article
click me!

Latest Videos

महाराष्ट्र चुनाव रिजल्ट पर फूटा संजय राउत का गुस्सा, मोदी-अडानी सब को सुना डाला- 10 बड़ी बातें
200 के पार BJP! महाराष्ट्र चुनाव 2024 में NDA की प्रचंड जीत के ये हैं 10 कारण । Maharashtra Result
LIVE 🔴 Maharashtra, Jharkhand Election Results | Malayalam News Live
एकनाथ शिंदे या देवेंद्र फडणवीस... कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम? डिप्टी सीएम ने साफ कर दी तस्वीर
LIVE: जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग