राजस्थान की बेटी ने गढ़ी कामयाबी की अनोखी कहानी: भाइयों ने कंधे पर बैठाकर गांव में घुमाया, पिता ने पहनाया साफा

राजस्थान के बाड़मेर जिले की बेटी हेमलता चौधरी ने अपनी सफलता से पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया है। वह अपने गांव की पहली ऐसी लड़की है जो पुलिस इंस्पेक्टर बनी है। जब वो पहली बार वर्दी में गांव आई तो भाइयों ने कंधे पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया, पिता ने बेटी को साफा पहनाया 

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 28, 2022 6:05 AM IST / Updated: Nov 28 2022, 11:41 AM IST

बाड़मेर (राजस्थान), भारत पाकिस्‍तान बॉर्डर पर बाड़मेर जिले के गांव सरणू चिमनजी की छोटी सी ढाणी की रहने वाली हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी ने अपने माता पिता के साथ गांव का नाम भी रोशन किया है। हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी ने राजस्‍थान पुलिस में उप निरीक्षक बनने में सफलता हासिल की है। बता दें कि पूर्व में एक बार असफलता हाथ लगी थी लेकिन दूसरी बार में उन्होंने सफलता हासिल की है। बेटी को पिता ने खाकी वर्दी में देखा तो ​परिजनों की आंखे भर आई और इसके बाद गांव गांवों को इस बारे में पता चला तो वहीं खुशी के चलते झूम उठे। 

10वीं में आई तो हो गई शादी, 12वीं पास की तो एक बच्चे का जन्म...फिर भी नहीं हारी हिम्मत
आपको बता दें कि हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी का 10वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान ही विवाह कर दिया गया था और 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक बच्चे का जन्म भी दिया था। जब हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी गांव पहुंची तो स्‍वागत में महिलाओं ने मंगलगीत गाए और हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी के भाइयों ने कंधे पर बैठाकर पूरे गांव में बहन को घुमाया। तो वहीं पिता दुर्गाराम ने एसआई बेटी के सिर साफा सजाया और हेमाकक्षी की मां ने बेटी को गले से लगा लिया।

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अपने गांव की पहली महिला सब इंस्‍पेक्‍टर बनी हेमलता
मीडिया से चर्चा के दौरान हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी बताया कि बारहवीं पास करने के बाद आंगनबाड़ी में अस्थायी नौकरी व स्वयंपाठी के रूप में पढ़ाई की थी। आंगनबाड़ी में करीब 10 साल तक सेवाएं दी। इस दौरान पढ़ाई भी जारी रखी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी की थी। उन्होंने बताया कि वह अपने गांव की पहली महिला सब इंस्‍पेक्‍टर हैं। बचपन से ही पुलिस सेवा में जाने का सपना था जो अब जाकर पूरा हुआ है। इस बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, मगर कभी मैंने हिम्‍मत नहीं हारी।

असफलता से सीख लेकर गढ़ी कामयाबी की कहानी
बता दें कि पहली बार असफलता ​मिलने के बाद हेमलता ने साल 2016 में एक बार फिर से राजस्‍थान पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में भाग्‍य आजमाया और इस बार उन्हें सफलता हाथ लगी और साल 2021 में हेमलता उप निरीक्षक बन गई थीं। अब पासिंग आउट परेड के बाद पहली बार खाकी वर्दी में घर आई तो माता पिता के साथ गांववाले भी काफी खुश नजर आए।

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