राजस्थान के इस बच्चे को सैल्यूट: दोनों हाथ से दिव्यांग, पिता की मौत से भी कम नहीं हुआ हौसला, रचा दिया इतिहास

राजस्थान के सीकर जिले के घाटवा गांव का विशाल सिंह बचपन से दोनों हाथों से विकलांग है। पिता की मौत के बाद से परिवार की माली हालत भी काफी खराब है। पर कुछ कर गुजरने की उसकी जिद ही है कि उसने  राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं विज्ञान की परीक्षा में 97.60 फीसदी अंकों के साथ  स्कूल टॉप किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 2, 2022 11:15 AM IST

सीकर (राजस्थान). मंसूबे मजबूत हो तो मुकाम तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। फिर चाहे तन में कोई कमजोरी हो या धन की कमी। मजबूत इरादों के सामने हर बाधा बौनी साबित हो जाती है। राजस्थान के सीकर जिले के दांतारामगढ़  कस्बे के नजदीकी घाटवा गांव का विशाल सिंह इसकी जीती जागती मिसाल है। जो बचपन से दोनों हाथों से विकलांग है। पिता की मौत के बाद से परिवार की माली हालत भी काफी खराब है। पर कुछ कर गुजरने की उसकी जिद ही है कि उसने सरस्वती शिक्षा निकेतन में सामान्य बच्चों के साथ पढ़ते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं विज्ञान की परीक्षा में 97.60 फीसदी अंकों के साथ  स्कूल टॉप किया है। विपरीत हालातों में पढ़कर परिणाम से प्रभावित करने वाला विशाल अब प्रदेशभर का प्रेरणा स्त्रोत बन गया है।

 मां व बहनें संभालती है परिवार
विशाल सिंह शेखावत की पढ़ाई विपरीत हालातों में हो रही है। 13 साल पहले पिता गिरधारी लाल की मौत की मौत हो गई थी। जिसके बाद से मां व उसकी तीन बहनें खेती-बाड़ी कर परिवार को चला व उसे पढ़ा रही है। विशाल की पढ़ाई में किसी तरह की कोई बाधा या परेशानी नहीं आए वे इसका पूरा ख्याल रखते हुए पढ़ाई से जुड़ी हर सामग्री  उपलब्ध करवाते हैं। 

Latest Videos

10वीं में भी किया था कमाल, निशुल्क हो रही पढ़ाई
 सरस्वती शिक्षा निकेतन स्कूल के निदेशक पूरणमल शर्मा ने बताया कि विशाल पिछले 14 साल से उनके स्कूल का स्टूडेंट है। जो शुरू से ही प्रतिभाशाली रहा है। 2020 में राजस्थान  बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में भी उसने 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। उन्होंने बतााया विशाल की प्रतिभा व घर की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे स्कूल में बिल्कुल निशुल्क पढ़ाया जा रहा है। उससे किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता। वहीं,  अन्य आवश्यक मदद भी की जाती है। विशाल का भी कहना है कि उसे स्कूल निदेशक ने बेटे की तरह पढ़ाया है। उसे पूरा स्कूल स्टाफ व बच्चे परिवार की तरह ही लगते हैं। 

प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना
विशाल सिंह का सपना अब प्रशासनिक सेवा में जाने का है। विशाल सिंह का कहना है कि वह प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर समाज के दुर्बल व कमजोर वर्ग के लोगों के विकास के लिए काम कर देश के विकास व सेवा में योगदान देना चाहता है।

Share this article
click me!

Latest Videos

पति है सामने तो भूलकर भी न करें ये 4 काम #Shorts
Haryana Exit Poll : हरियाणा में होगी BJP की विदाई? पिछड़ने के क्या हैं 5 प्रमुख कारण
PM Modi Samman Niddhi 18th Kist: आ सकती है किसान सम्मान निधि की अटकी किस्त, तुरंत कर लें ये काम
हजारों समर्थकों के सामने ईरानी नेता खामेनेई ने खाई कसम, कहा- अब इजरायल खत्म
Yati Narsingha Nand Saraswati के बयान पर फूटा Asaduddin Owaisi का गुस्सा, Yogi-BJP को भी सुनाया