
जोधपुर. बेटी एग्जाम की तैयारी कर ही रही थी कि इसी बीच उसके पिता को पैरालाइसिस का अटैक आ गया। सारे पैसे पिता के इलाज में चले गए। बेटी पूरी तरह से टूट गई। सब सोच रहे थे कि उसकी तो शादी कर देंगे ससुराल चली जाएगी। पढ़ाने की क्या जरूरत है। लेकिन बेटी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। और यह बात अपनी मां को बताई। माता-पिता का बलिदान और बेटी की मेहनत आज रंग लाई है।
ऑल इंडिया में यशोदा ने हासिल की 25 वी रैंक
इन हालातों में भी मां टूटी नही और अपनी बेटी की खातिर अपना पुश्तैनी मकान बेच दिया। नतीजा निकला कि अब उसी बेटी ने देशभर में 25 वी रैंक हासिल की है। हम बात कर रहे हैं जोधपुर के पाल रोड पर चाणक्य नगर में रहने वाली यशोदा की। जिसने हाल ही में ऑल इंडिया आयुष पोस्ट ग्रैजुएट एंटरेंस टेस्ट में देशभर में 25 वी रैंक हासिल की है। इतना ही नहीं उसने ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 6थी रैंक हासिल की है। यशोदा डॉक्टर बनने का ख्वाब रखती है।
परिवार खाने के लिए भी हो चुका था मोहताज...लेकिन अब
यशोदा की मां कमला ने बताया कि 2012 में उनके पति नारायण सिंह को पैरालाइसिस का अटैक आ गया। अब परिवार के पास खाने और इसके साथ पढ़ाई दोनों के खर्च उठा पाना मुश्किल हो चुका था। ऐसे में उन्होंने गांव की पुश्तैनी जमीन को 18 लाख रुपए में बेच दिया। यशोदा का कहना है कि जो रिश्तेदार मेरी सफलता पर आज खुश हो रहे हैं उन्होंने ही मुझे ताने दिए थे कि लड़की को पढ़ा कर क्या करना है। लेकिन मैंने एक कदम भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह पहला मौका नहीं है जब यशोदा ने किसी एग्जाम में अच्छी रैंक हासिल की हो। इसके पहले वह नीट 2016 और प्री आयुर्वेद टेस्ट 2016 में भी पास हो चुकी है। हाल ही में एग्जाम को पास करने के बाद उसे पढ़ाई के साथ-साथ करीब 50 से 90 हजार रुपए का स्टाइपेंड भी मिलेगा।
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