
जयपुर. प्रेम की मिसाल के नाम पर पूरी दुनिया में फेमस और सात अजूबों में शामिल ताजमहल के नाम पर नया विवाद शुरु हो गया है। विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई है और इस विवाद में जयपुर का पूर्व राज घराना भी कूद पडा है। पूर्व राजघराने की राजकुमारी और वर्तमान में सवाई माधोपुर से सांसद दीया कुमारी ने ये दावा किया है। जयपुर में उन्होनें आज मीडिया के सामने ये कहा कि जमीन हमारे पुरखों की है और उस समय इस पर कब्जा कर लिया गया था। उन्होनें यहां तक कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट दस्तवेज मांगता है तो वे दस्तावेज भी उपलब्ध करा देंगे। इन बयानों के बाद अब नया पेंच फंसता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के इलाहबाद हाईकोर्ट में बीजेपी कार्यकर्ता ने दायर की है याचिका
दरअसल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट में बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने ताजमहल को लेकर एक याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि ताजमहल की जगह पर तेजो महालय या यिाव मंदिर है और इनकी जानकारी उन बंद कमरों में हैं जो सालों से बंद हैं । अगर ये कमरे खोले जाते हैं तो सच्चाई दुनिया के सामने आ जाएगी। गौरललब है कि ताजमहल के बीस से भी ज्यादा कमरे कई सालों से बंद हैं। याचिकाकर्ता का दावा है कि अगर ये दरवाजे खुल जाते हैं तो और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
पूर्व राजकुमारी बोली... जमीन हमारी है... पुरखों की प्रॉपर्टी है...
जयपुर के पूर्व राजघराने की पूर्व राजकुमारी और वर्तमान में भाजपा से सांसद दीया कुमार ने अब जयपुर में यह दावा किया है कि अगर ताजमहल के बंद दरवाजे खोले जाते हैं तो कई राज खुलकर सामने आएंगे। दीया कुमार ने कहा कि एक तरह से ताजमहल हमारी प्रॉपर्टी है। यह जमीन हमारे पुरखों की थी जिस पर उस समय कब्जा कर लिया गया था। जमीन पुरखों की थी और हमारी विरातस थी। इस विरातस से छेडछाड़ की गई है। दीया कुमारी ने कहा कि हमारे पोथीखाने में इससे जुड़े दस्तावेज भी हैं। अगर कोर्ट कहता है तो इन्हें पेश भी कर सकते हैं। दीया कुमारी ने कहा कि मुगलों ने इस पर कब्जा कर लिया था। उस समय वे पावरफुल थे।
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