युवाओं में जो ऊर्जा, आग व जिज्ञासा है उससे भारत में बदलाव लाया जा सकता : रमेश पोखरियाल

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शनिवार को कहा कि अगर चुनौतियों का सामना पूरी ताकत के साथ किया जाए तो वही चुनौतियां अवसर में बदल जाती हैं। पोखरियाल यहां एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

Asianet News Hindi | Published : Feb 8, 2020 12:29 PM IST

जयपुर. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शनिवार को कहा कि अगर चुनौतियों का सामना पूरी ताकत के साथ किया जाए तो वही चुनौतियां अवसर में बदल जाती हैं। पोखरियाल यहां एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

युवाओं को सपने पूरे करने के लिए लगन से मेहनत करना चाहिए

उन्होंने कहा, ‘‘पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों के सामाने कई तरह की चुनौतियां होंगी। उन्हें एक योद्धा की तरह आगे बढ़ना चाहिए। सभी तरह की चुनौतियां होंगी लेकिन जब चुनौतियों का सामना पूरी ताकत के साथ किया जाए तो वे अवसर में बदल जाती हैं।’’ उन्होंने युवाओं से बड़े सपने देखने और उन सपनों को पूरा करने के लिए पूरे लगन से मेहनत करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग सपने तो देखते हैं लेकिन उनको अमली जामा पहनाने की हिम्मत नहीं कर पाते। जो लोग सपने देखते हैं, उनके बारे में सोचते हैं, उन्हें मूर्त रूप देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं तो उन्हें इच्छित परिणाम भी मिलता है। ऐसे लोगों को इस दुनिया में कोई भी शक्ति निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने से नहीं रोक सकती है। धैर्य और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।’’

नई शिक्षा नीति ज्ञान और अनुसंधान की नींव रखेगी

पोखरियाल ने कहा कि युवा भारत में बदलाव लाने की ताकत रखता है। युवाओं में जो ऊर्जा, आग व जिज्ञासा है उससे बदलाव लाया जा सकता है।ल केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन दशक से अधिक समय के बाद देश में लाई जा रही नई शिक्षा नीति ज्ञान और अनुसंधान की नींव रखेगी। उन्होंने रेटिंग एजेंसियों द्वारा देश के शैक्षणिक संस्थानों को शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में स्थान दिए जाने पर भी खुशी जताई।

राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि दीक्षांत समारोह एक ऐसा क्षण है जो स्नातक छात्रों को प्रेरित करता है कि वे अर्जित कौशल का उपयोग समाज व देश के विकास के लिए करें।


(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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