सिक्किम दुघर्टना में राजस्थान के तीन सैनिकों ने गंवाई जान, 5 दिन पहले जल्द लौट कर आने का वादा कर गए थे ड्यूटी

सिक्किम के जेमा में शुक्रवार शाम को आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया। इस हादसे में भारतीय सेना के 16 जवानों की मौत हो गई।

Ujjwal Singh | Published : Dec 24, 2022 4:06 AM IST / Updated: Dec 24 2022, 10:45 AM IST

जयपुर( Rajasthan) सिक्किम के जेमा में शुक्रवार शाम को आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया। इस हादसे में भारतीय सेना के 16 जवानों की मौत हो गई। राजस्थान के तीन बेटों ने भी इस हादसे में अपनी जान गंवाई है। हादसे की सूचना मिलते ही राजस्थान के इन तीनों जवानों के गांवों में शोक की लहर छा गई है। यह तीनों जवान जोधपुर जैसलमेर और झुंझुनू के हैं।

जानकारी के मुताबिक हादसे में मारे गए तीनों जवानों के शव रविवार तक उनके पैतृक गांव में पहुंचने की संभावना है। इसके बाद रविवार को ही इन तीनों जवानों का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ होगा। इस हादसे में जान गंवाने वाले जैसलमेर निवासी सूबेदार गुमान सिंह सोलंकी, झुंझुनू के पचेरी क्षेत्र के रहने वाले मनोज कुमार यादव और जोधपुर निवासी सुखाराम ने अपनी जान गंवाई है।

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5 दिन पहले ही छुट्टी काटकर गए थे ड्यूटी
जैसलमेर निवासी सूबेदार गुमान सिंह सोलंकी करीब 5 दिन पहले ही छुट्टी काट कर वापस ड्यूटी लौटे थे। अब तक गुमान सिंह 27 साल की नौकरी तो कर चुके थे और करीब 10 महीने बाद उनका रिटायरमेंट भी होना था। गुमान सिंह अपनी पत्नी और 5 बच्चों को अकेला छोड़ कर इस दुनिया से चले गए। उनके बड़े भाई अमर सिंह भी फौज से रिटायर हो चुके हैं।

फरवरी में गांव लौटने वाले थे मनोज
इस हादसे में झुंझुनू के पचेरी क्षेत्र के रहने वाले मनोज कुमार यादव की भी मौत हुई है। जो फरवरी में गांव लौटने वाले थे। पिता पेट्रोल पंप पर काम करते हैं जबकि बड़ा भाई फिलहाल बीएसएफ में ही है। जो ड्यूटी पर है। करीब 6 साल पहले मनोज सेना में अपने भाई प्रमोद को देखकर मोटिवेट होकर भर्ती हुआ था। 2018 में शादी हुई। जिसके एक बेटी भी है। परिजनों के मुताबिक नवंबर में ही मनोज छुट्टी काट कर ड्यूटी पर लौटा था। और फरवरी में वापस छुट्टी लेकर आने वाला था। वही हादसे में जोधपुर निवासी सुखाराम भी मारे गए हुए हैं।

सेना में हर बलिदान में होता है राजस्थान का योगदान
सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश का मामला हो या फिर सेना का अन्य कोई बड़ा हादसा इसमें राजस्थान का कोई ना कोई जवान शहीद होता ही है क्योंकि राजस्थान के सीकर चूरू झुंझुनू नागौर जोधपुर समेत कई जिले ऐसे हैं। जिनके हर एक गांव में दर्जनों सैनिक है। आज भी राजस्थान में ग्रामीण इलाकों में बच्चों को शुरू से ही सेना में जाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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