राजस्थान के टोंक में बाल सुधार गृह की दीवार फांदकर भागे आरोपी, स्टॉफ को बाद में चला पता, देखे घटना का CCTV

राजस्थान के टोंक जिलें से एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें बाल सुधार गृह से बाल अपचारी दीवार फांद कर भागते दिख रहे है। 13 जुलाई की पेशी में मौजूद न होने वालें बाल अपराधी की जांच के बाद मामला उजागर हुआ। पुलिस ने जांच की शुरू।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 14, 2022 7:17 AM IST / Updated: Jul 14 2022, 12:52 PM IST

टोंक. राजस्थान में बाल संप्रेषण गृह अब बाल अपचारियों का सुधार गृह होने की बजाए अपराध का अड्डा बन चुके हैं। राजस्थान में बाल संप्रेषण गृह में कभी वर्चस्व की लड़ाई में हत्या की जाती है। तो कभी यहां मोबाइलों का भी जखीरा मिलता है। वही अभी यह बाल अपचारी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि उन्हें किसी बात का डर नहीं है। इनके लिए अब संप्रेषण गृह से फरार होना भी कोई बड़ी बात नहीं है।

बाल अपचारी के फरार होने पर घटना का पता चला

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मामला प्रदेश के टोंक जिले से सामने आया है। यहां बाल संप्रेषण गृह की एक दीवार फांद कर पांच बाल अपचारी फरार हो गए। स्टाफ को कई देर तक तो बाल अपचारियों के फरार होने का पता ही नहीं चल पाया। लेकिन जब बुधवार 13 जुलाई के दिन एक बालक को तारीख पेशी के लिए बुलाया गया तो पता चला कि पांच बाल अपचारी फरार है। इसके बाद बाल संप्रेषण गृह के स्टाफ ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए और पुलिस को सूचना दी। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि बाल अपचारी एक एक कर दीवार कूद रहे हैं इसके बाद एक खुले मैदान में आकर वापस दीवार फांद कर बाहर की तरफ भाग रहे हैं। फिलहाल घटना के बाद सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस पूरे इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाल अपचारियों की तलाश में जुट चुकी है। घटना का वीडियों बुधवार की देर रात जारी किया गया है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं

राजस्थान में यह पहला मामला नहीं है जब संप्रेषण गृह से बाल अपचारी फरार हुए हो। इससे पहले साल 2021 में चित्तौड़गढ़ के संप्रेषण गृह से कुछ बाल अपचारी फरार हो गए। इसके बाद साल 2022 में अप्रैल महीने में सीकर के बाल संप्रेषण गृह से 8 बाल अपचारी कपड़े सुखाने के बहाने गार्ड को धक्का देकर फरार हो गए थे। मामले में पुलिस ने 7 बाल अपचारियों को पकड़ भी लिया है। 3 महीने का समय बीत जाने के बाद भी एक बार तारीख का कुछ पता नहीं चल पाया है।

विशेषज्ञों की मानें तो बाल संप्रेषण गृह में 18 से कम उम्र के साथ-साथ बड़े अपराधियों को भी कोर्ट का ट्रायल पूरा होने तक रखा जाता है। ऐसे में या तो उनके बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो जाती है। या सभी एक गैंग बनाकर वारदातों को अंजाम देने की प्लानिंग करते हैं। या फिर संप्रेषण गृह से फरार हो जाते हैं। टॉक संप्रेषण गृह के स्टाफ की माने तो फरार हुए बाल अपचारियों में हत्या,रेप के आरोपी भी शामिल हैं।

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