Udaipur Talibani murder case: 2022 में गहलोत सरकार ने 3 बार लगाया कर्फ्यू, 6 महीने में 4 जिलों में तनाव

बिगड़ती कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं पर इंटेलिजेंस का फेलियर सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। कानून व्यवस्था को लेकर अब सरकार पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृहमंत्री का जिम्मा भी है। 

जयपुर. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर राज्य की अशोक गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। ताजा मामला मंगलवार को उदयपुर में एक युवक की निर्मम हत्या के बाद तनाव की आशंका के चलते सरकार को उदयपुर के 8 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा, साथ ही पूरे प्रदेश में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करना पड़ा है। हालांकि गहलोत सरकार के शासन में ये कोई पहला मामला नहीं है। बीते माह जोधपुर शहर में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हुई थीं। कांग्रेस शासन के साढ़े तीन साल के शासनकाल में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं तो वहीं अकेले साल 2022 में केवल 6 माह के शासनकाल में ही सांप्रदायिक तनाव की चार घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से तीन में सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा है।

इधर बिगड़ती  कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं पर इंटेलिजेंस का फेलियर सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। कानून व्यवस्था को लेकर अब सरकार पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृहमंत्री का जिम्मा भी है ऐसे में कानून व्यवस्था खराब होती है तो उसे लेकर मुख्यमंत्री पर ही सवाल खड़े होंगे। 

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गहलोत कार्यकाल में कई घटनाएं
17 दिसंबर, 2018 को सरकार के गठन के बाद अब तक साढ़े तीन साल के कार्यकाल में आधा दर्जन से ज्यादा सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं जो कि सरकार के लिए चिंता का विषय है। खराब व्यवस्था और बढ़ते अपराधों को लेकर गहलोत सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। विधानसभा सत्र से लेकर सड़कों तक विपक्ष इस मामले में सरकार को घेरता हुआ आया है। बड़ी बात यह है कि साढ़े तीन साल के कार्यकाल में उदयपुर, जयपुर, मांडल, छबड़ा, मालपुरा, करौली और जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं।  इससे पहले भी गहलोत के दूसरे कार्यकाल में भी सवाई माधोपुर के सूरवाल कांड और भरतपुर के गोपालगढ़ कांड राष्ट्रीय स्तर पर छाए रहे थे। 

कहां-कहां हुए तनाव
साल 2022 में गहलोत सरकार के 6 माह के शासनकाल में 4 सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं जिनमें से तीन में सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा। 
उदयुर- 28 जून 2022 उदयपुर में युवक की निर्मम हत्या के बाद 8 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू।
जोधपुर- 2 मई और 3 मई को झंडा लगाने को लेकर दो पक्षों के भी जमकर पथराव हुआ उसके बाद जोधपुर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
करौली- 2 अप्रैल 2022 को जुलूस के दौरान दो समुदायों में पत्थरबाजी और आगजनी घटना के बाद कई दिन कर्फ्यू लगाना पड़ा।
मांडल- मार्च 2022 में भीलवाड़ा के मांडल में मंदिर का ताला टूटने पर दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे इससे तनाव फैल गया था। 

2022 से पहले इन क्षेत्रों में भी फैला तनाव
जयपुर- अगस्त 2019 में कावड़ यात्रा के दौरान सुभाष चौक और जयपुर दिल्ली हाईवे पर दो समुदायों में झगड़े के बाद तनाव।
मालपुरा- टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में अक्टूबर 2019 के दौरान दशहरे के जुलूस के दौरान तनाव।
छबड़ा- बारां जिले के छबड़ा कस्बे में अप्रैल 2021 को चाकूबाजी की घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव हो गया था, जिसके बाद वहां कर्फ्यू लगाना पड़ा।

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