करौली में हुई हिंसा को देखते हुए अब राजस्थान सरकार और प्रशासन अलर्ट हो गया है। सीकर जिले के बाद अब उदयपुर कलेक्टर ने भी जिलेमें धारा 144 लागू करने की घोषणा कर दी है। जिसके तहत अब जिले की संपूर्ण सीमा में पांच या इससे अधिक व्यक्ति बिना समक्ष प्राधिकारी की अनुमति के एक स्थान पर एकत्रित नहीं होंगे।
उदयपुर (राजस्थान). उदयपुर जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ताराचंद मीणा ने उदयपुर जिले में कानून व्यवस्था, शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए 7 जून 2022 मध्यरात्रि तक सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा और प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर ताराचंद मीणा के आदेशानुसार उदयपुर जिले की संपूर्ण सीमा में पांच या इससे अधिक व्यक्ति बिना समक्ष प्राधिकारी की अनुमति के एक स्थान पर एकत्रित नहीं होंगे।
इन पर नहीं रखा गया प्रतिबंध
रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, चिकित्सकीय संस्थान, राजकीय एवं सार्वजनिक कार्यालय, परीक्षा कक्ष आदि को अपवाद स्वरूप इस निषेधाज्ञा से मुक्त रखा गया है। किसी भी स्थान पर असाधारण परिस्थिति में इस आदेश से छूट प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) या संबंधित उपखण्ड अधिकारी से विशेष अनुमति लेनी होगी। विभिन्न पर्वों और महाविद्यालयों-विद्यालयों की परीक्षाओं के दौरान कानून व्यवस्था, शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं।
धार्मिक कार्यों पर प्रतिबंध नहीं
जिला कलक्टर के आदेशानुसार उदयपुर जिले में किसी भी प्रकार के सामाजिक और राजनीतिक सभा, धरना, प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा। परम्परागत एवं नियमित रूप से पूजा, आराधना, उपासना, नमाज आदि के लिए निर्धारित स्थानों पर धार्मिक कार्यों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोई विस्फोटक पदार्थ, अस्त्र-शस्त्र लेकर नहीं घूमेगा और न ही प्रदर्शन करेगा।
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सोशल मीडिया पर रहेगी नजर
निषेधाज्ञा के दौरान उदयपुर जिला प्रशासन और पुलिस की नजर सोशल मीडिया पर भी रहेगी। जिला कलक्टर के आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले, साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाले संदेश का प्रसारण नहीं करेगा। पोस्टर-पैम्फलेट, ऑडियो-वीडियो कैसेट या अन्य किसी माध्यम से साम्प्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले संदेश प्रसारित करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीजे, माइक, लाउड स्पीकर, एम्प्लीफायर का उपयोग करने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) या संबंधित उपखण्ड अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है। सभा, रैली, शोभायात्रा, जुलूस, धरना, प्रदर्शन, मेले आदि का आयोजन करने के लिए भी प्रशासन और पुलिस से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
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