सातवीं क्लास की लड़की ने चौकाने वाला खुलासा किया। जब स्कूल में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही थी, तो वो पुलिस मैडम से बोली - अंकल गलत हरकत करते थे, लेकिन पापा-मम्मी कहते थे चुप हो जाओ।
ब्लैक डायरी: पुलिस और NCRB के आकड़ें बताते हैं कि चाइल्ड एब्यूज के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। बच्चे अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे कई मामले हमारे सामने आते हैं जिसमें घर के ही लोग या आस-पड़ोस में रहने वाले अंकल या कोई भैया बच्चों के साथ यौन शोषण करता है। लेकिन इनमें से कई मामलों को घर में ही दबा दिया जाता है और बाहर किसी के सामने नहीं लाया जाता। ऐसी ही एक कहानी है सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली 12 साल की लड़की की, जो इसी तरह से यौन शोषण का शिकार होती रही, लेकिन घरवालों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। आज ब्लैक डायरी में हम आपको इसी लड़की की कहानी बताते हैं कि कैसे अंकल अपनी ही बेटी की उम्र की लड़की के साथ गलत हरकत करते थे और जब उसने मां-बाप को बताने की कोशिश की तो उन्होंने भी यह कहा कि बेटा शांत रहो....
यह कहानी है राजस्थान के अलवर जिले में रहने वाली 12 वर्षीय लड़की की, जिसके स्कूल में पुलिस सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही थी। इस दौरान एक ऐसा खुलासा हुआ जिसमें सभी को झंझोड़ कर रख दिया। दरअसल, जब पुलिस स्कूल में ट्रेनिंग दे रही थी तो उन्होंने देखा कि यहां एक लड़की बेहद चुपचाप सी बैठी रहती है। जब महिला पुलिस अधीक्षक ने उस लड़की से बात करने की कोशिश की तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया।
दरअसल, सातवीं क्लास में पढ़ने वाली यह बच्ची पुलिस अधीक्षक को बताती है कि 3 से 4 साल पहले मेरे पड़ोस में रहने वाले अंकल ने मुझे अपने घर बुलाया और मेरे साथ गलत हरकत की। वह मुझे यहां-वहां छूते और गंदी हरकतें करते। जब मैंने अपने घर वालों को यह बात बताई तो उन्होंने मामले को दबा दिया और कहा कि किसी को कुछ नहीं बताना। लड़की ने यह भी बताया कि अंकल बार-बार उसके साथ इस तरह की हरकत करते और उसे अश्लील वीडियो दिखाते और ऐसा ही करने के लिए कहते। लेकिन घरवालों ने कोई एक्शन नहीं लिया और मामले को वही दबा दिया।
इसके बाद पुलिस ने तुरंत बच्ची के परिजनों को बुलाया और उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए कहा, लेकिन काउंसलिंग के दौरान भी परिजनों ने FIR दर्ज करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बच्ची के बयान के आधार पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि जब बच्ची के साथ यह घटना हुई तब उसकी उम्र 8-9 साल की थी। उस दौरान आरोपी हलवाई की दुकान पर काम करता था जिसकी उम्र 21-22 साल की थी।
एक्सपर्ट की राय
यह घटना भले ही राजस्थान के अलवर जिले में एक बच्ची के साथ हुई। लेकिन इस तरह की घटनों से कई लड़कियां और लड़के भी पीड़ित रहते हैं, जो अपने साथ हुए दर्द को बयां भी नहीं कर पाते और अगर करते भी हैं तो उसे दबा दिया जाता है। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों की बात को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए और उन पर विश्वास करना चाहिए। घर पर बच्चों के साथ ऐसा माहौल बनाए की वह आपको कोई भी बात बताने से कतराए नहीं और खुलकर अपनी बात आपको बता सकें। यदि आप बच्चों की बात को अनसुना कर देंगे या उनकी बात सुनने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लेंगे, तो बच्चा गंभीर डिप्रेशन में भी जा सकता है या कुछ गलत कदम भी उठा सकता है। ऐसे बच्चों का विश्वास करें और अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ है उसके खिलाफ आवाज उठाएं।
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