लॉकडाउन में ब्रेकअप, दर्द से निकल पाना नहीं होता आसान, इन 5 तरीकों से मिल सकता है रिलीफ

कोई भी रिश्ता जब टूटता है तो उसके दर्द से निकल पाना आसान नहीं होता। दिल के जख्म को भर पाने में वक्त लग जाता है। लॉकडाउन के इस समय में जब लोग तनाव से जूझ रहे हैं, अगर किसी का रिलेशनशिप टूटता है तो उसे और भी ज्यादा मानसिक तकलीफ का सामना करना पड़ता है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2020 12:15 PM IST / Updated: Apr 12 2020, 05:51 PM IST

रिलेशनशिप डेस्क। कोई भी रिश्ता जब टूटता है तो उसके दर्द से निकल पाना आसान नहीं होता। दिल के जख्म को भर पाने में वक्त लग जाता है। लॉकडाउन के इस समय में जब लोग तनाव से जूझ रहे हैं, अगर किसी का रिलेशनशिप टूटता है तो उसे और भी ज्यादा मानसिक तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ब्रेकअप से लोग बहुत ही स्ट्रेस महसूस करते हैं। अगर रिश्ता पहले से ठीक नहीं भी चल रहा हो, तो भी ब्रेकअप से सिर्फ पार्टनरशिप का ही अंत नहीं होता, बल्कि इससे वे सारे सपने टूट जाते हैं, जो एक साथ आपने देखे थे। रोमांटिक रिलेशनशिप की शुरुआत भविष्य की बड़ी उम्मीदों से साथ होती है। रिलेशनशिप के टूटने पर ज्यादा सेंसिटिव लोग गहरी निराशा, मानसिक दबाव और दुख से परेशान हो जाते हैं।इस तकलीफ को आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ टिप्स अपना कर राहत पा सकते हैं।

1. तकलीफ को स्वीकार करें
ब्रेकअप के बाद आप जिस तकलीफ से गुजर रहे हैं, उसे आपको स्वीकार करना होगा। तभी आप इस समस्या से राहत भी पा सकते हैं। वैसे, इसमें काफी समय लग जाता है। ब्रेकअप के बाद उदासी, गुस्सा, निराशा और कन्फ्यूजन का होना स्वाभाविक है। आप भविष्य को लेकर भी चिंतित और परेशान हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे बचने के लिए आप किसी अनजान शख्स के साथ संबंध बनाने के लिए आगे बढ़ जाएं। यह कदम और भी खतरे से भरा हो सकता है।

2. अपने आपको दें वक्त
कहा गया है कि समय बड़े से बड़े घावों को भी भर देता है। इसलिए ब्रेकअप होने के बाद अपने आपको थोड़ा वक्त दें। हो सकता है, आप काफी समय तक परेशान रहें और जॉब में भी पहले की तरह प्रोडक्टिव नहीं हो सकें। ब्रेकअप का आपके काम करने की क्षमता और क्रिएटिविटी पर बुरा असर पड़ता है। हो सकता है, आप अपने करीबियों का भी पहले की तरह ध्यान नहीं रख पाएं। आपको फिर से खुद को व्यवस्थित करने में समय लगेगा। इसलिए आप अपने लिए थोड़ा वक्त जरूर लें।

3. भरोसेमंद दोस्तों से अपनी परेशानी बताएं
अगर आप अकेले मन ही मन घुटते रहेंगे तो आपकी परेशानी बढ़ेगी। इसलिए अपनी फीलिंग्स को भरोसेमंद दोस्तों या फैमिली मेंबर के साथ शेयर करें। दुख जाहिर करने पर मन कुछ हल्का हो जाता है। संभव हो तो किसी प्रोफेशनल काउंसलर की मदद लें। इस सबके बावजूद आपके मन में टीस तो बनी रहेगी। इस घाव के भरने में समय लग जाता है। 

4. बदले की भावना नहीं रखें
कई लोग ब्रेकअप के बाद इसके लिए पूरी तरह से अपने पार्टनर को जिम्मेदार मानते हैं या खुद को जिम्मेदार ठहरा कर अपराध बोध से भर जाते हैं। अगर वे पार्टनर को जिम्मेदार मानते हैं तो उसके प्रति काफी गुस्सा जाहिर करते हैं और बदला लेने की मानसिकता रखने लगते हैं। ये नेगेटिव फीलिंग्स हैं। अगर खुद को भी जिम्मेदार मान कर अपराध बोध की भावना से भर उठते हैं तो इससे आत्म ग्लानि पैदा होती है और सेल्फ कॉन्फिडेंस कमजोर होता है।

5. भविष्य में रिश्ता जुड़ने की संभावना
ब्रेकअप के बाद भी यह संभव है कि आपका रिश्ता फिर से जुड़ जाए। इसके लिए दोनों पार्टनर को अपने मन की गहराइयों में उतर कर विचार करना होगा। किन बातों की वजह से रिश्ता टूटने की नौबत आई, यह जानना जरूरी है। क्या कोई असंतोष था? क्या पार्टनर से आपकी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो रही थीं? क्या रिश्ते में कहीं कोई कमी थी, जिस वजह से इसका ठोस धरातल पर आना संभव नहीं था? क्या किसी पार्टनर ने बेवफाई की थी? अगर इन बातों को लेकर आपस में समझदारी बनती है, तो रिश्ता फिर जुड़ सकता है। ऐसा नहीं होता तो भविष्य के लिए उम्मीद रखें। इस बात को जरूर समझें कि हर रिश्ता अनमोल होता है और एक की भरपाई दूसरे से नहीं हो सकती। 
     
 

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