रिलेशनशिप में डिप्रेशन का होता है नेगेटिव इम्पैक्ट , सेक्स लाइफ में सैटिस्फाइड नहीं रहते पार्टनर

 रिलेशनशिप में डिप्रेशन का बहुत ही नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है पार्टनर्स में अगर कोई भी डिप्रेशन जैसी समस्या का शिकार हो तो उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है डिप्रेशन के चलते पार्टनर की रुचि सेक्स संबंधों में कम हो जाती है

रिलेशनशिप डेस्क। रिलेशनशिप में डिप्रेशन का बहुत ही नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है। पार्टनर्स में अगर कोई भी डिप्रेशन जैसी समस्या का शिकार हो तो उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। डिप्रेशन के चलते पार्टनर की रुचि सेक्स संबंधों में कम हो जाती है। इससे सेक्स लाइफ में वे असंतुष्ट रहते हैं। अगर इस समस्या का समाधान जल्दी नहीं हो सका तो फिर रिलेशनशिप में बहुत परेशानी आने लगती है। इसलिए डिप्रेशन की समस्या होने पर इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी हो जाता है। इसका सबसे बुरा असर संबंधों पर ही पड़ता है। स्वस्थ सेक्स संबंध रिलेशनशिप को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। अगर किसी भी पार्टनर की तरफ से इसमें निष्क्रियता दिखाई जाती है तो इसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है।

न्यूरोट्रांसमीटर का फंक्शन सही नहीं रहता

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सेक्स की इच्छा मस्तिष्क में पैदा होती है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम में कई ऐसे केमिकल होते हैं जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर कहा जाता है। इनके जरिए ही यौन क्रिया का सही तरीके से संचालन होता है। लेकिन डिप्रेशन की समस्या में इनका संतुलन बिगड़ जाता है। इससे डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति में सेक्स के प्रति कोई खास रुचि नहीं रह जाती।

ट्रीटमेंट है जरूरी

अगर ऐसी स्थिति हो तो इसका जल्दी ही किसी मनोचिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए। देर होने से समस्या गंभीर होती चली जाती है। कई बार जब समस्या ज्यादा गंभीर नहीं होती तो काउंसलिंग से भी सुधार हो जाता है, नहीं तो कुछ समय तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं। सबसे गंभीर समस्या यह है कि डिप्रेशन को दूर करने वाली दवाइयों के इस्तेमाल से भी सेक्स की इच्छा घटती है। लेकिन अनुभवी मनोचिकित्सक समस्या को ठीक से समझ कर दवा देते हैं, जिसका ज्यादा दुषप्रभाव नहीं होता। कई बार चिंता और आत्मविश्वास की कमी से भी सेक्स से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

महिलाओं में सेक्स के प्रति अरुचि

देखा गया है कि अक्सर महिलाओं में भी सेक्स के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है। अगर वे लंबे समय तक संबंध नहीं बनातीं तो इसका उनके पार्टनर पर काफी बुरा असर पड़ता है। इससे वे भी डिप्रेशन में रहने लगते हैं या कुछ लोग एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन बनाने की कोशिश करने लगते हैं। महिलाओं में यह समस्या अनियमित पीरियड्स, बच्चे के जन्म या घरेलू समस्याओं और विवादों के चलते भी पैदा हो जाती है। कई बार जल्दी मेनोपॉज के लक्षण उभर जाने से भी उनमें सेक्स के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है। ऐसी स्थिति में महिला रोग विशेषज्ञ से मिलना जरूरी होता है।

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