International Kissing Day 2022: कहां से आया चुंबन का चलन,लिप किस करने की कब हुई शुरुआत

यूनाइटेड किंगडम ने पहला इंटरनेशनल किस डे मनाया गया था।  2000 के दशक से शुरू हुआ ये खास दिन अब दुनिया भर में फेमस हो गया है। आइए चुबंन का इतिहास जानते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2022 7:58 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क. बच्चे से प्यार जताना हो या फिर प्रेमी से मोहब्बत का इजहार करना हो। किस (Kiss) यानि चुंबन सबसे मजबूत अभिव्यक्ति होती है। होठों के स्पर्श से अत्यंत सुखद अनुभूति होती है। हमारा दिमाग बचपन के समय से ही 'किस'(Kiss) को प्यार और सुरक्षा के भाव के तौर पर पहचान लेता है। इस तरह जब हम जिंदगी में आगे बढ़ते हैं और खुद को किसी के प्रति प्यार जताना चाहते हैं तो हम मुंह के जरिए ऐसा करते हैं। यानि किस को माध्यम बनाते हैं।  किस के इतिहास को जानने से पहले यह बता दें कि इंटरनेशनल किसिंग डे (International Kissing Day ) 6 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम (UK) से हुई थी।

वैदिक संस्कृति में चुंबन का जिक्र

भारतीय वैदिक संस्कृति में भी चुंबन का जिक्र है। करीब  2500 या 3500 साल पहले भी लोग एक दूसरे को किस करते थे। प्राचीन उत्तर भारत में लोग एक दूसरे को सूंघते थे। इसके लिए वो अपनी नाक को जब दूसरे के गालों के पास ले जाते थे तो कभी-कभी ऐसा होता था कि फिसलकर वो होठों तक पहुंच जाते थे। होठ चूंकि काफी संवेदनशील होता है ऐसे में अंदर से एक अलग अनुभूति होती थी। ये सूंघने से ज्यादा सुखद एहसास था। इस तरह किस करने की प्रथा शुरू हुई ।

रोम में हुई तीन तरह के किस की शुरुआत

भारत से पहले रोम में  चुंबन की संस्कृति शुरू हुई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो उसके पास तीन अलग तरह के चुंबन के प्रकार थे।इनमें पहला है osculum (गाल पर एक अनुकूल चुम्बन), basium (होठों पर एक प्यारा चुंबन), और savium (मुंह पर चुंबन)।

किस के इतिहास को लेकर अलग-अलग राय

हालांकि किस को लेकर कई शोध हो चुके हैं। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि  'किस' करना पश्चिमी समुदाय की देन है। यह एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन में जाती है। वहीं, ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर राफेल वलोडारस्की की मानें तो किस का चलन पुराना नहीं बल्कि आधुनिक युग की देन है। 

किस प्राकृतिक या आधुनिक मानव की देन?

इस पर भी शोध किए गए हम प्राकृतिक तौर पर 'किस' करते आए हैं या ये आधुनिक इंसानों की देन हैं। इसे लेकर जीव विज्ञानिक फ्रांस डि वाल जो अटलांटा स्थित एमरी यूनिवर्सिटी में कार्यरत है उनका कहना है कि चिम्पांजी एक दूसरे से लड़ने के बाद किस या हग करते हैं। यानि यह प्राकृति की देन है।

प्रेमियों को एक दूसरे से मिलाता है किस

इंटरनेशनल किस डे की बात करें तो  यह खास दिन द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत को भी याद दिलाता है। 6 जुलाई को अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने जापान के साथ पारस्परिक मान्यता  समझौते (MRA) पर साइन किए थे। इसलिए हर साल इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। वहीं कुछ लोगों कहना है कि इंटरनेशनल किस डे प्रेमियों की इच्छा चुंबन की कामुक भावना का अनुभव करने की वजह से शुरू किया गया था।

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