बचपन में उसको किडनैप कर लिया गया था। वो 50 साल से अधिक वक्त तक माता-पिता से दूर रही। उम्मीद नहीं थी कि वो उनसे मिल पाएगी, लेकिन फेसबुक की और डीएनए किट की वजह से वो उनसे मिल पाई। आइए जानते हैं इमोशन करने वाली कहानी।
रिलेशनशिप डेस्क. 2 साल की उम्र में मेलिसा हाईस्मिथ (Melissa Highsmith) को उनकी बेबीसिटर ने उनका अपहरण कर लिया था। 1971 में टेक्सास के फोर्ट वर्थ स्थित एक अपार्टमेंट से उसे बेबीसिटर उठाकर लेकर चली गई। उम्र के पांच दशक तक किडनैप बच्ची अपने माता-पिता से दूर रही। इस दौरान कई मुश्किलों का सामना भी किया। लेकिन 50 साल के बाद उसकी किस्मत में माता-पिता से मिलना तय था। फेसबुक की वजह से वो अपने बुजुर्ग माता-पिता को मिल पाई। पूरी कहानी कुछ ऐसे है।
टेक्सास में रहने वाली 22 साल की मिस अल्टा अपेंटेंको एक वेट्रेस का काम करती थी। अपनी 2 साल की बेटी की देखभाल के लिए उन्हें किसी की जरूरत थी। उन्होंने ने न्यूजपेपर में बेबीसिटर का विज्ञापन दिया था। रूथ जॉनसन नाम की महिला इस काम के लिए उनके पास आई। उन्होंने कहा कि वो उनकी बेटी का अच्छे से ख्याल रख सकती है। उसकी बातें सुनकर अपेंटेंको सहमत हो गईं। इसके बाद बच्ची को रूथ को दे दिया गया। बच्ची को मिलने के बाद रूथ कभी नहीं लौटी। बेटी के गायब होने के बाद अपेंटेंको ने पुलिस को फोन किया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। कई दशक तक उसकी खोज चलती रही।
मेलिसा बन गई थी मेलिना वाल्डेन
किडनैप होने के बाद मेलिसा हाई स्मिथ का नाम बदलकर मेलिना वाल्डेन हो गया। उसकी पूरी जिंदगी बदल गई। अपना गुजारा करने के लिए उसे हर तरह का काम करना पड़ा। 53 साल की मेलिना आज मेड का काम करती है। वो लोगों के घर जाकर झाड़ू-पोछा करती हैं। इसके अलावा चर्च की भी सफाई करने जाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जीवन को चलाने के लिए उन्होंने वेश्यावृत्ति का रास्ता भी अपनाया। इसके लिए वो 4 बार जेल जा चुकी हैं। मेलिना ने कई शादी भी की। जिससे उनके तीन बच्चे हैं। उनकी हालत अच्छी नहीं थी इसलिए वो बच्चों की परवरिश नहीं कर पाती थी वो इसे किसी और को देना चाहती थी।
फैमिली ने फेसबुक पर किडनैप हुई बेटी के लिए बनाया पेज
इधर जब वो किडनैप हुई तभी से उनकी फैमिली उन्हें खोजने की कोशिश कर रहा था। फैमिली ने 'फाइंडिंग मेलिसा'फेसबुक पर पेज बनाया था जिसमें उनके बचपन की तस्वीर अपलोड की गई थी। इसके साथ ही बताया गया था कि पीठ पर एक बर्थमार्क है। एक दिन फैमिली को गुनमान टिप मिली मेलिसा आसपास ही है। नवंबर 2022 की शुरुआत में मेलिना को फेसबुक पर मैसेज आया कि उनकी बहनें और पापा बात करना चाहते हैं। इस मैसेज को देखकर उसे लगा कि कोई मजाक कर रहा है। शेरोन हाईस्मिथ और रेबेका डेल बोस्क मेलिना की दो बहनें थी। जिसने मैसेज किया था। इसके अलावा उसके पिता जेफ्री हाईस्मिथ ने भी मैसेज भेजे थे। उन्होंने बताया कि जब वो दो साल की थी तब उसे किडनैप कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि उनके पास सबूत के तौर पर डीएनए रिपोर्ट है जो मेलिना से मैच करती है।
कैसे पहुंचे मेलिना तक
दरअसल, 6 नवंबर हाईस्मिथ फैमिली का डीएनए एक बच्चे से मैच कर गया। वो बच्चा मेलिना के तीन बच्चों में से एक था। नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन ने डीएनए मैचिंग का पता लगाया। इसके बाद इसकी सूचना जेफ्री को दी गई और कहा कि उनका एक पोता है। जिसके बारे में वो नहीं जानते हैं। इसके बाद मेलिना से संपर्क फैमिली ने साधा।
बर्थमार्क और डीएनए टेस्ट ने किया खुलासा
हालांकि मेलिना को पहले यह विश्वास नहीं हुआ। लेकिन फेसबुक पर अपलोड तस्वीर को देख और बर्थ मार्क को देखकर समझ गई। उसका भी बर्थ मार्क सेम था। वहीं उसके पति ने भी बताया कि बचपन की तस्वीर उसकी ही है। हालांकि इसके बाद भी वो इसकी पुष्टि करने के लिए अपनी मां से मिली जिसे वो मां समझती थी।मेलिना को पालने वाली मां ने बताया उसने 1972 में उसे 40 हजार रुपए (500 डॉलर) देकर लिया था। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि वो पालने वाली मां तक कैसे पहुंची। फाइनली वो अपने असली माता-पिता और बहनों से मिल पाई। मेलिना ने एक इंटरव्यू में बताया कि सच जानकर मैं बहुत भावुक थी। मेरे दिमाग में एक ही बात आई कि मेरे पास एक मां और पिता हैं। जो मुझे बहुत प्यार करते हैं। अब मेरे पास ऐसे लोग हैं जो मुझे प्यार करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वो अपना नाम मेलिना से बदलकर वापस मेलिसा हाईस्मिथ रख लेंगी।
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